संगरूर के नए MP बने सिमरनजीत सिंह मान, जानें पहले क्यों छोड़ दी थी आईपीएस की नौकर और लोकसभा सीट?

इंडिया न्यूज, Punjab News। Simranjit Singh Maan : पंजाब में संगरूर के लोगों ने सिमरनजीत सिंह मान को लोकसभा सीट से नए सांसद के रूप में चुन लिया है। मान तीसरी बार सांसद बने हैं। संगरूर लोकसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में उन्होंने आप के उम्मीदवार गुरमेल सिंह को हराकर जीत हासिल की है।

20 मई 1945 को एक राजनीतिक घराने में सिमरनजीत सिंह मान का जन्म हुआ। उनके पिता लेफ्टिनेंट कर्नल जोगिंदर सिंह मान 1967 में विधानसभा स्पीकर भी रहे।

संगरूर को मुख्यमंत्री भगवंत मान का गृह जिला माना जाता है। बता दें कि यह सीट भगवंत मान के मुख्यमंत्री बनने के बाद ही खाली हुई थी। मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने इस सीट से इस्तीफा दे दिया था।

इन पदों पर रह चुके हैं सिमरनजीत सिंह

आपको बता दें कि अकाली दल के अध्यक्ष सिमरनजीत सिंह मान आईपीएस (IPS) अधिकारी रहे हैं। मान ने 1966 में सिविल सर्विस एग्जाम दिया और इसके बाद 1967 में वह भारतीय पुलिस सेवा आईपीएस के लिए चुने गए।

उन्हें पंजाब कैडर मिला। इस दौरान वह लुधियाना में एएसपी रहे। इसके बाद वें फिरोजपुर और फरीदकोट में एसएसपी रहे। वहीं मुंबई में CISF के ग्रुप कमांडेंट भी रह चुके हैं।

1984 में हुए दंगों के विरोध में छोड़ दी थी नौकरी

सिमरनजीत सिंह मान ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 18 जून 1984 को सिख विरोधी दंगों और आपरेशन ब्लू स्टार में अमृतसर स्थित हरमिंदर साहिब पर हमले के विरोध में इस्तीफा दे दिया।

भारत-नेपाल सीमा पर मान को तीन अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन पर प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या की साजिश में शामिल होने से लेकर देशद्रोह तक कई केस दर्ज हुए।

5 साल भागलपुर की जेल में रहे नजरबंद

बता दें कि समरनजीत सिंह मान 5 साल तक लगातार भागलपुर की जेल में नजरबंद रहे। इसके बाद उन्होंने 1989 के लोकसभा चुनाव में तरनतारन हलके से नामांकन भरा।

उन्होंने 5,27,707 वोट लेकर शानदार जीत दर्ज की। उनके मुकाबले में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में अजीत सिंह मान (जिला अमृतसर कांग्रेस अध्यक्ष) ने चुनाव लड़ा था जिसमें वें हार गए थे। तरनतारन से लोकसभा सदस्य बनने पर उन्हें रिहा किया गया था।

दूसरी बार 1999 में जीता लोकसभा चुनाव

मान ने 1999 में दूसरी बार तरनतारन हलके से लोकसभा का चुनाव जीता। जीत के बाद भी मान देश की संसद में नहीं पहुंच पाए थे। क्योंकि उन्होंने संसद में श्रीसाहिब (कृपाण) हाथ में लेकर जाने की जिद्द की थी।

सिद्धू मूसेवाला ने किया था समर्थन

बताया जा रहा है कि पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला ने भी सिमरनजीत सिंह मान का समर्थन किया था। मूसेवाला चुनाव में मान के लिए प्रचार भी करने वाले थे लेकिन 29 मई को गोलियां मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी।

मूसेवाला की हत्या के बाद आप सरकार पर उठे थे सवाल

सिमरनजीत सिंह मान की जीत और आप की हार का एक बड़ा कारण पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या को भी माना जा रहा है। क्योंकि सीएम भगवंत मान के द्वारा सिद्धू की हत्या के कुछ दिन पहले ही उनकी सुरक्षा में तैनात कर्मियों को कम किया गया था। जिसके पिछे आप सरकार पर सवाल उठने लगे थे।

Naresh Kumar

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