इंडिया न्यूज, अंबाला:
Stop Bad Habits of Children in the Beginning : छोटे बच्चों को संस्कारों के साथ पालना किसी चैलेंज से कम नहीं है। ये संस्कार मां-बाप ही दे सकते हैं। यदि मां-बाप ऐसे संस्कारों से विमुख रहें तो वह दिन दूर नहीं जब मां-बाप को भुगतना पड़ेगा। बच्चों का ध्यान रखना और उन्हें अच्छी आदतें सिखाना किसी चुनौती से कम नहीं है। माता-पिता इस बात का ख्याल भी रखते हैं लेकिन कभी-कभी ऐसा भी होता है कि वे अनजाने में बच्चे की किसी छोटी-सी आदत को अनदेखा कर जाते हैं, जो आगे जाकर बच्चे का स्वभाव बन जाती है। ऐसे में कुछ आदतें ऐसी हैं, जिन्हें बचपन में ही रोका जाना बेहद जरूरी है।
बंद कर दें हंसी में हाथ चलाना (Stop Bad Habits of Children in the Beginning)
कई बार माता-पिता या घर का कोई सदस्य बच्चे को मजाक में छेड़ने लगता है और बच्चा इरिटेट होकर हाथ चला देता है या उस व्यक्ति को मारने लगता है। बचपन में बच्चे की यह आदत क्यूट लग सकती है लेकिन अगर बच्चे को रोका न जाए, तो बड़े होने पर भी बच्चा प्रॉब्लम्स को मार-पीट से ही सुलझाने की कोशिश करता है। बच्चे की यह आदत उसे हिंसक बनाती है।
बच्चे को बेकार में चिढ़ाना बंद करें (Stop Bad Habits of Children in the Beginning)
सुनने में यह बात अजीब लग सकती है लेकिन बच्चे में जलन या चिढ़ की भावना बचपन से आने लगती है। जैसे, अगर किसी बच्चे के पास उससे ज्यादा अच्छा खिलौना या ड्रेस है, तो बच्चे को इससे चिढ़ हो सकती है। आप अगर ऐसी आदत बच्चे में देखें, तो उन्हें प्यार से समझाएं। बच्चे को समय पर न रोकने से यह आदत बच्चे का स्वभाव बन जाती है।
बड़ों की बातें सुनना (Stop Bad Habits of Children in the Beginning)
बच्चों को कभी भी बड़ों की बातें सुनकर आकर बताने के लिए प्रेरित न करें। इससे बच्चों का पूरा ध्यान आपके लिए जासूसी करने में ही लगा रहेगा। यह आदत बच्चे में नेगेटिविटी के अलावा कुछ नहीं है। इससे बच्चे का ध्यान पढ़ाई से हटेगा और बड़ा होने पर भी उसका ध्यान फिर्जूल की बातों में लगा रहेगा। ध्यान से सोचें, तो कोई हमारे बारे में क्या बात करता है, इसका कोई प्वाइंट नहीं है। बच्चों को इन चीजों से ऊपर उठना सिखाएं।
न करें किसी तरह का भेदभाव (Stop Bad Habits of Children in the Beginning)
बच्चे माता-पिता को कॉपी करते हैं, इसलिए अगर आप अपने बच्चे को अच्छा इंसान बनाना चाहते हैं, तो उसे बच्चे के सामने अच्छी बातें करें। उन्हें बचपन से समानता का पाठ पढ़ाएं। अमीर-गरीब, लड़का-लड़की, प्राइवेट-सरकारी नौकरी या स्कूल इन मानकों के आधार पर लोगों को आंकना न सिखाएं। आपका बच्चा अगर भेदभाव वाली बातें करता भी है, तो उसे प्यार से समझाएं।
(Stop Bad Habits of Children in the Beginning)