इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली | Golden Boy Neeraj Chopra : भारतीय खेल जगत का उभरता सितारा नीरज चोपड़ा आज किसी पहचान का मोहताज नहीं है। अपने शानदार खेल की बदौलत नीरज चोपड़ा ने दुनियाभर में भारत का नाम चमकाया है। वह भारत को एथलेटिक्स में पहला गोल्ड दिलाने वाले खिलाड़ी हैं। इसके साथ ही वह कई अन्य मुकाबलों में देश का प्रतिनिधित्व कर कई खिताब अपने नाम कर चुके हैं। टोक्यो ओलंपिक में नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो में भारत को गोल्ड जितवाया था।
नीरज ने 2021 टोक्यो ओलंपिक के फाइनल में 87.58 मीटर दूर भाला फेंक कर इतिहास रचा और भारत का नाम सुनहरे अक्षरों में लिख दिया। नीरज यहीं नहीं रूके। इसके बाद उन्होंने 14 जून को फिनलैंड के पावो नूरमी में 89.30 मीटर भाला फेंका। स्टाकहोम डायमंड लीग में वो मात्र 6 सेंटीमीटर से 90 मीटर का मार्क छूने से चूक गए। इसके बाद वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी नीरज का प्रदर्शन शानदार रहा।
हालांकि वो गोल्ड जीतने से चूक गए लेकिन उन्होंने सिल्वर पदक अपने नाम कर लिया। इस प्रतियोगिता में नीरज ने 88.13 मीटर भाला फेंक कर सिल्वर मेडल हासिल किया। ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स ने 90.46 मीटर भाला फेंक कर गोल्ड जीता। वहीं भारत के रोहित यादव भी 78.72 मीटर भाला फेंककर 10वीं पोजिशन पर रहे। नीरज चोपड़ा वर्ल्ड एथलेटिक्स मीट में सिल्वर मेडल जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने। आइए जानते हैं इस मुकाम तक पहुंचने के लिए नीरज का सफर कैसा रहा।
नीरज चोपड़ा का जन्म हरियाणा के पानीपत के खंडरा में 24 दिसंबर 1997 को हुआ था। नीरज के पिता का नाम सतीश कुमार और माता का नाम सरोज देवी है। नीरज की दो बहनें भी हैं। नीरज का परिवार खेती पर निर्भर है। नीरज हिंदू धर्म से संबंध रखते हैं। नीरज ने शुरूआती पढ़ाई हरियाणा से ही की और उसके बाद ग्रेजुएशन के लिए बीबीए कॉलेज में एडमिश्न लिया। नीरज के कोच का नाम उवे होन है। जो एक मशहूए एथलीट रह चुके हैं। मेहनत और अच्छी कोचिंग की बदौलत ही नीरज ने ओलंपिक में गोल्ड पर निशाना साधा।
नीरज चोपड़ा की उम्र अभी 25 साल है। अभी तक नीरज ने शादी नहीं की है। नीरज का भी कहना है कि वो सिर्फ अपने लक्ष्य पर ध्यान रखते हैं। अभी उन्हें जिंदगी में काफी मुकाम हासिल करने हैं। जिसके लिए वह जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं। वहीं अगर नीरज के लव अफेयर की बात करें तो उनके बारे में किसी प्रकार की कोई जानकारी हमारे पास नहीं है।
बचपन से ही नीरज चोपड़ा को खेलों का शौक था। 11 साल की उम्र से ही नीरज ने जैवलिन थ्रो खेलना आरंभ कर दिया था। 2014 में नीरज चोपड़ा ने 7 हजार रुपए का भाला खरीदा था। जिसके साथ प्रैक्टिस कर उन्होंने कई प्रतियोगिताओं में दमदार प्रदर्शन किया। 2016 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने के लिए नीरज ने 1 लाख रुपए का भाला खरीदा। उसके बाद कड़ी मेहनत की बदौलत नीरज आए दिन बुलंदियों को छूने लगे।
2017 के एशियाई चैंपियनशिप में नीरज ने 50.23 मीटर भाला फेंककर टूर्नामेंट जीता था। 2017 में ही आयोजित हुई आईएएएफ डायमंड लीग इवेंट में नीरज सातवें स्थान पर रहे थे। मेहनत के बूते नीरज ओलंपिक मेडल तक पहुंचे।
लगातार कई प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन के बाद वो दिन आ ही गया जिसका नीरज को इंतजार था। 7 अगस्त ही वो दिन था जब नीरज ने भारत के लिए एथलेटिक्स में पहला गोल्ड जीता। टोक्यो ओलंपिक का फाइनल मैच 7 अगस्त को शाम 4.30 बजे खेला गया। नीरज ने फाइनल के 6 राउंडस में पहले दो राउंडस में ही अपना सर्वश्रेष्ठ 87.58 की सबसे ज्यादा डिस्टेंस का रिकॉर्ड सेट कर दिया था।
जिसे अगले 4 राउंड में कोई खिलाड़ी तोड़ नहीं पाया। जिसके चलते अगले 4 राउंड में नीरज पहली पॉजिशन पर बने रहे और उन्होंने इतिहास रच दिया। नीरज ने भारत के लिए ट्रैक एंड फील्ड में पहला गोल्ड हासिल किया। गोल्ड जीतते ही नीरज पर ईनामों की बौछार हो गई। बीसीसीआई ने नीरज को 1 करोड़ रुपए, हरियाणा सरकार ने 6 करोड़ रुपए और ग्रेड-ए आॅफिसर जॉब, वहीं पंजाब सरकार ने 2 करोड़ रुपए का ईनाम दिया। इतना ही नहीं गोल्ड मेडल जीतने के बाद नीरज को कई तरह के विज्ञापन में भी काम मिला।
टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड जीतने के बाद नीरज रूके नहीं। नीरज ने डायमंड लीग में अपना सर्वश्रेष्ठ 89.94 मीटर का थ्रो किया और अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ा। वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में नीरज ने भारत का प्रतिनिधित्व किया। इस टूर्नामेंट में 35 देशों के खिलाड़ियों ने भाग लिया। भारत इस टूर्नामेंट में 28वें स्थान पर रहा। अमेरिका ने यह टूर्नामेंट अपने नाम किया। अमेरिका ने 10 गोल्ड 8 सिल्वर और 10 कांस्य के साथ कुल 28 मेडल अपने नाम किए।
वहीं, दूसरे स्थान पर 10 पदक के साथ इथियोपिया और तीसरे स्थान पर 8 पदक के साथ केन्या ने जगह बनाई। भारत की तरफ से नीरज चोपड़ा ने 88.13 मीटर लंबा थ्रो कर सिल्वर जीता। वहीं, ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स ने 90.54 मीटर लंबा थ्रो कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। जिसके बाद नीरज वर्ल्ड एथलेटिक्स में सिल्वर जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने।
अपने शानदार खेल की बदौलत नीरज ने एक के बाद एक कई मुकाम हासिल किए। 2016 में भारतीय आर्मी ने नीरज चोपड़ा को राजपूताना राइफल्स में बतौर नायब सूबेदान, जूनियर कमीशन आॅफिसर नियुक्त किया। नीरज के खेल को और निखारने के लिए भारतीय आर्मी की तरफ से काफी प्रयास किया गया। जिसकी बदौलत नीरज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इतने सफल हो सके।
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