Rahul Gandhi: मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत
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Rahul Gandhi: राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत, सजा पर लगी रोक, सावधानी बरतने की सलाह भी दी गई

Roshan Kumar • LAST UPDATED : July 22, 2024, 9:03 pm IST
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Rahul Gandhi: राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत, सजा पर लगी रोक, सावधानी बरतने की सलाह भी दी गई

Rahul Gandhi

India News (इंडिया न्यूज़), Rahul Gandhi, दिल्ली: राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है, मोदी सरनेम मामले में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगा दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने अपील (Rahul Gandhi) लंबित रहने तक सजा पर भी रोक लगाई। जस्टिस बीआर गवई, पीएस नरसिम्हा और पीवी संजय कुमार की पीठ ने मामले की सुनवाई की।

  • सजा पर लगी रोक
  • सावधानी बरतने की सलाह
  • अधिकार प्रभावित हुआ

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि बयान उच्चारणों में ठीक नहीं था, सार्वजनिक जीवन में व्यक्ति से सार्वजनिक भाषण देते समय सावधानी बरतने की उम्मीद की जाती है। उन्हें (राहुल गांधी) अधिक सावधान रहना चाहिए।

अधिकार प्रभावित हुआ

कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट के आदेश के प्रभाव व्यापक हैं। इससे न केवल गांधी का सार्वजनिक जीवन में बने रहने का अधिकार प्रभावित हुआ, बल्कि उन मतदाताओं का अधिकार भी प्रभावित हुआ, जिन्होंने उन्हें चुना था। निचली अदालत के न्यायाधीश द्वारा अधिकतम सजा देने का कोई कारण नहीं बताया गया है, अंतिम फैसला आने तक दोषसिद्धि के आदेश पर रोक लगाने की जरूरत है।

क्या है मामला?

13 अप्रैल 2019 लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान राहुल गांधी के कर्नाटक के कोलार में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, “नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी। सभी चोरों का नाम ‘मोदी’ कैसे है?” भाजपा के पूर्व विधान सभा सदस्य (एमएलए) पूर्णेश मोदी ने उक्त भाषण पर आपत्ति जताते हुए दावा किया कि गांधी ने मोदी उपनाम वाले व्यक्तियों को अपमानित और बदनाम किया।

सूरत की मजिस्ट्रेट अदालत ने मोदी की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि गांधी ने अपने भाषण से जानबूझकर ‘मोदी’ उपनाम वाले लोगों का अपमान किया है। मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च 2023 को उनकी टिप्पणी के लिए उन्हें दोषी ठहराया। न्यायाधीश हदीराश वर्मा ने फैसला दिया था। सूरत की एक सत्र अदालत ने 20 अप्रैल को गांधी की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा उनकी सजा को निलंबित करने की मांग की गई थी। इस मामले में दोषी ठहराए जाने के कारण गांधी को लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। 7 जुलाई को हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी।

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