इंडिया न्यूज़, लखनऊ।
योगी सरकार में पूरे वक्त कैबिनेट मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) बड़े आत्मविश्वास के साथ भाजपा छोड़ कर सपा में शामिल हुए थे और भाजपा को नेस्तनाबूत करने का ऐलान किया था।
भाजपा तो फिर सत्ता में लौट आई लेकिन खुद को नेवला बताने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) की करारी हार हुई। उनका सीट बदलना भी काम नहीं आया। Swami Prasad Maurya के साथ भाजपा छोड़कर साइकिल पर सवार हुए धर्मसिंह सैनी भी शिकस्त खा गए। हालांकि तीसरे मंत्री दारा सिंह चौहान जीत गए हैं।
प्रसपा से भाजपा में गए हरिओम यादव भी हार गए। विनय शंकर तिवारी इस बार बसपा छोड़कर सपा के टिकट से चिल्लूपार से चुनाव लड़े थे और हार गए। अवतार सिंह भड़ाना ने भी चुनावों से पहले भाजपा को छोड़ सपा-आरएलडी गठबंधन का दामन थाम लिया था और जेवर से चुनाव लड़ा लेकिन भाजपा के हाथों शिकस्त खा गए।
बलिया के सुरेंद्र सिंह बैरिया से टिकट न मिलने पर वीआईपी पार्टी से हार गए। कांग्रेस छोड़कर सपा में शामिल हुईं सुप्रिया ऐरन बरेली कैंट से हार गईं। भाजपा से सपा में आई सुभावती शुक्ला गोरखपुर शहर से भी चुनाव हार गईं।
दारा सिंह चौहान भी साइकिल पर सवार हुए लेकिन वह घोसी से जीत गए। वह योगी सरकार में मंत्री थे। ऐन वक्त पर सपाई हो गए और घोसी से जीत हासिल की। कांग्रेस से भाजपा में आईं अदिति सिंह जीत गईं। बसपा छोड़कर सपा में शामिल हुए लालजी वर्मा अंबेडकरनगर की कटेहरी सीट से फिर चुनाव जीत गए। रामअचल राजभर भी जीत गए।
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