गर्मी का मौसम आ चुका है। ऐसे में तापमान के बढ़ने से हमारे शरीर में कई तरह की सम्सायाएं होने लगती हैं इन्हीं जैसे की पानी की कमी से डिहाइ्रेशन का होना त्वचा का सूरझा जाना, त्वचा पर लाल धब्बे आना, आखों में जलन होना इत्यादि। इस बात में कोई दो राय नहीं है कि आज लोग आखों की समस्या से ग्रसीत रहते हैं उसका मुख्य कारण है ज्यादा समय तक मोबाईल का इलस्तेमाल और कम्पयूटर पर कार्य करने करना। ऐसे में गर्मियों में ये समस्या और भी ज्यादा देखने को मिलती है। ऐसे में आज हम आंखों की इन्ही सम्याओं से निजात पाने के बारे में आपको विस्तार से जानकारी देंगे।
आंखों में समस्याएंः
1- आंखों में जलन होना
2- आंखों में दर्द होना
3- आंखों में पानी आना
4- आंखों में खुजली होना
आखों का ऐसे रखें ख्याल
- आंखों को दिन में दो-तीन बार साफ पानी से धोएं।
- चश्मे के फ्रेम का बड़े साइज का इस्तेमाल करना चाहिए, जिससे कि आपकी आंखें सूर्य की अल्ट्रावॉयलेट किरणों से बची रह सकें।
- पढाई के दौरान हमेशा ध्यान देना चाहिए कि कमरे में अच्छी रोशनी हो।
- साल में एक बार अपनी आंखों को जरूर चेक कराएं।
- आंखों की रोशनी में समस्या होने पर पावर का चश्मा पहनें। ऐसा न करने पर एंबलायोपिया (सुस्त आंख की बीमारी) होने का खतरा रहता है।
- आंखों को अच्छा बनाए रखने के लिए सही खानपान को होना भी जरूरी है। इसलिए हमको हरी सब्जियां, मौसमी फल, दूध और विटामिन ए से भरपूर खाने को खाना चाहिए। इससे आंखों की रोशनी अच्छी रहती है।
- कंप्यूटर पर लगातार घंटों काम करने से कंप्यूटर विजन सिंड्रोम हो सकता है। इससे बचने के लिए एंटीग्लेयर चश्मा और एंटीग्लेयर स्क्रीन यूज करें। हर आधे घंटे के बाद 10 से 15 सेकंड तक कंप्यूटर स्क्रीन से निगाह हटाकर दूर देखना चाहिए। इसके अलावा हर एक घंटे के बाद 5-10 मिनट का ब्रेक लेना चाहिए।
- कंप्यूटर के इस्तेमाल, एसी में रहने की आदत, शरीर को राहत देने के लिए दवाओं का इस्तेमाल ड्राई आई सिंड्रोम को जन्म देता है। इसके कारण आंखों में चुभन, जलन, सूखापन, खुजली जैसी समस्या होती है।
- ड्राई आई सिंड्रोम होने पर कमरे का तापमान कम रखें। पानी और लिक्विड ज्यादा मात्रा में लें। किसी आई ड्रॉप का भी दिन में तीन से चार बार इस्तेमाल कर सकते हैं।
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