इंडिया न्यूज़, भोपाल: स्कूल साक्षात देवालय हैं और ज्ञान उसकी आत्मा। वे संस्कारों के उद्गम स्थल हैं तो संस्कृति के तीर्थस्थल हैं। लेकिन इन सभी की प्राण चेतना हैं शिक्षक। महान शिक्षक, विद्वान और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस 5 सितम्बर को पूरे देश में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। शिक्षा व्यवस्था को सशक्त, गुणवत्ता पूर्ण और संस्कारमय बनाने के लिए सरकारों ने प्रयास किये हैं। हाल ही में केन्द्र सरकार ने देश की नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी भी बनाई है।
इस शिक्षा नीति में शिक्षण को ज्ञान के साथ कौशल और रोजगार परक बनाने पर जोर दिया है। नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश ने तत्परता दिखाई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में स्कूली शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम की योजना बनाई तो वहीं मेडीकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिन्दी में भी कराने का निर्णय लिया है।आत्म निर्भर भारत के निर्माण में शिक्षा की अपनी ही महत्वपूर्ण और आवश्यक भूमिका है। आत्म निर्भर भारत के लिए आत्म निर्भर मध्यप्रदेश के संकल्प के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शिक्षा को प्रभावी बनाने के लिए और भी कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में मध्य प्रदेश ने बहुत अधिक उन्नति की है। साक्षरता स्तर में वृद्धि मध्य प्रदेश की प्रगति में नए आयाम गढ़ रही है। प्रदेश की साक्षरता दर वर्ष 2001 में 64.11 प्रतिशत थी, ( देश की साक्षरता दर – 65 प्रतिशत) जो वर्ष 2011 में बढ़कर 70.63 प्रतिशत (संपूर्ण भारत में 74.04 प्रतिशत) हुई। 6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों के एडमिशन का लक्ष्य लगभग पूरा कर लिया गया है। प्रदेश में ड्रॉपआउट रेट में भी कमी आयी है और अब यह प्राथमिक स्तर पर 8.2 प्रतिशत तथा उच्च प्राथमिक स्तर पर 7.4 प्रतिशत हो गई है।
मध्य प्रदेश सरकार के लगातार प्रयासों से शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे 2021 में मध्यप्रदेश ने अभिनव कार्य करते हुए देश में पाँचवाँ स्थान प्राप्त किया है। शिक्षा के क्षेत्र में सुधार स्पष्ट रूप से दिखाई दिया है। नेशनल अचीवमेंट सर्वे प्रति तीन वर्ष में होता है। केन्द्र सरकार द्वारा कराया जाने वाला राष्ट्रव्यापी शिक्षा सर्वे देश का सबसे बड़ा सर्वे है। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर तक विद्यार्थियों के शैक्षणिक स्तर का फीडबैक प्राप्त कर भविष्य के लिए शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाना है।
कक्षा 3, 5, 8 और 10 के लिए सर्वे में सैंपल आधार पर कार्य हुआ, जिसमें गणित, विज्ञान, पर्यावरण, सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी और भाषा की शैक्षणिक उपलब्धियों के स्तर की जाँच की गई। सर्वे में केन्द्र सरकार के विद्यालयों सहित राज्य सरकार के विद्यालय, निजी विद्यालय और अनुदान प्राप्त विद्यालय शामिल हुए।
शिक्षा को प्रत्येक नागरिक तक पहुंचाने शिवराज सरकार आंगनवाड़ी से लेकर विदेश में शिक्षा तक अनेक योजनाओं का सफल क्रियान्वयन कर रही है। शिवराज सरकार ने पूरे प्रदेश में सरकारी विद्यालयों का जाल बिछाकर शहरी क्षेत्र की आबादी के साथ ही दूर सुदूर के गांवों और जनजातीय शिक्षा की पहुंच को आसान और सुगम किया है। प्रदेश में शिक्षण संस्थानों और कुशल शिक्षकों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ उनकी गुणवत्ता बढ़ाने पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण और रोजगार मूलक शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पब्लिक स्कूलों की तर्ज पर प्रदेश में सीएम राइज स्कूल खोले जा रहे हैं। इस योजना में प्रदेश भर में 9 हजार 200 सर्वसुविधा संपन्न सीएम राइज स्कूल खोले जाने हैं। इसके प्रथम चरण में 274 सीएम राइज स्कूलों का संचालन शुरू हो गया है। इन स्कूलों में 2 लाख 40 हजार 818 विद्यार्थियों का नामांकन इतने कम समय में कर राज्य शासन ने उपलब्धि हासिल की है।
सीएम राइज स्कूल का वातावरण पालक और विद्यार्थी दोनों को आकर्षित कर रहा है। इस आकर्षण को बनाए रखना, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, सर्वांगीण विकास तथा विद्यार्थियों को भविष्य के लिये तैयार करना बड़ी चुनौती है। इसलिए सीएम राइज स्कूलों के संचालन के लिए प्राचार्य और उप प्राचार्यों को प्रशिक्षण देने के साथ चयनित शिक्षकों और स्कूल लीडर्स का प्रभावी प्रशिक्षण किया गया है। इन स्कलों में विजन, मिशन और वैल्यू बोर्ड लगाए गए हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी प्रतिबद्धता सबसे पहले दिखाई। हिंदी भाषा में इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई शुरू करने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य है। नई शिक्षा नीति देश में सबसे पहले लागू कर मध्यप्रदेश ने अन्य राज्यों को प्रेरणा देने का कार्य किया है।
मध्य प्रदेश में महिला साक्षरता में सुधार लाने हेतु अधिक जोर दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में केन्द्र सरकार की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के साथ ही राज्य की लाड़ली लक्ष्मी योजना में प्रदेश की करीब 43 लाख बेटियों की शिक्षा को सुनिश्चित किया है। और अब लाड़ली लक्ष्मी 2.0 के तहत बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए भी सरकार हर संभव मदद कर रही है। इसके अलावा गांव की बेटी और पंख जैसी योजनाओं के माध्यम से जरूरतमंद बेटियों को शिक्षण के लिए आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के कुशल नेतृत्व में मध्य प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में अभिनव पहल कर देश में अलग पहचान बना रहा है। उनकी प्रतिबद्धता का परिणाम है आज स्कूल शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा दोनों क्षेत्रों में मध्य प्रदेश ने देश में नया मुकाम हासिल किया है।
ये भी पढ़े : घुसपैठ की कोशिश के दौरान पकड़े गए आतंकी की हार्ट अटैक से मौत
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !
India News (इंडिया न्यूज)up news: मैनपुरी में मामूली विवाद को लेकर दो पक्षों में मारपीट हो…
India News (इंडिया न्यूज),Bihar Assembly Elections 2025: दिल्ली के पास सूरजकुंड में बिहार भाजपा कोर…
India News (इंडिया न्यूज),MP NSUI Protest News: मध्यप्रदेश में जबलपुर के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में…
India News (इंडिया न्यूज) Rajasthan news: राजस्थान के अलवर में शहर के बीचों-बीच स्थित आरआर…
India News (इंडिया न्यूज), Rajasthan School Winter Holidays: देशभर में सर्दी का सितम बढ़ता ही…
India News (इंडिया न्यूज), Uttrakhand: उत्तराखंड पुलिस के "ड्रग फ्री देवभूमि" अभियान के तहत रामनगर…