गणपति महोत्सव के लिए विभिन्न पंडालों में हुआ गणपति पूजन
कोविड प्रोटोकॉल के चलते श्रद्धालु आनलाइन देखेंगे गणपति महोत्सव
इंडिया न्यूज, लुधियाना:
गणपति बप्पा के स्वागत की तैयारियों में जुटे श्रद्धालुओं का शुक्रवार को इंतजार खत्म हुआ और गणपति महोत्सव धूमधाम से शुरू हुआ। पंजाब भर में मनाए जाने वाले गणपति उत्सव के लिए विभिन्न पंडालों में गणपति जी की मूर्तियां सजकर विराजमान हो गई है और श्रद्धालुओं ने विधिवत गणपति जी का पूजन और स्वागत किया। गणपति महोत्सव को मनाने के लिए लुधियाना में 500 से अधिक पंडाल बनाए गए हैं, इसी तरह जालंधर, अमृतसर, पटियाला वह अन्य शहरों में गणपति उत्सव को लेकर भारी उत्साह पाया जा रहा है। इसके अलावा श्रद्धालुओं ने अपने घरों में भी गणपति जी को विराजमान किया है और गणपति जी की पूजा अर्चना शुरू की है।
लगभग 150 साल पहले गणपति महोत्सव का शुभारंभ महाराष्ट्र से हुआ था। महाराष्ट्र में श्री बाल गंगाधर तिलक ने इसकी शुरुआत की थी। अंग्रेजी हुकूमत के समय उन्होंने इसके माध्यम से देश में एकता, भक्ति और देश प्रेम जागृत करने का प्रयास किया था। मगर पंजाब में गणपति महोत्सव 1992 से मनाया जाना शुरू हुआ। पंजाब में गणेश महोत्सव की शुरुआत का श्रेय पूर्व विधायक एवं बाबा गणपति सेवा संघ के प्रधान स्वर्गीय हरीश बेदी को जाता है। 1990 में व्यापार के संबंध में जब स्वर्गीय हरीश बेदी मुंबई गए थे तो वहां उन्होंने गणेश महोत्सव को देखा और इसे पंजाब में मनाने का मन बनाया। पंजाब में पहली बार 1992 में लुधियाना की जनकपुरी में भगवान गणेश जी की प्रतिमा को विराजमान करवाया और तब से शुरू हुआ गणेश महोत्सव आज पूरे पंजाब में बड़ी धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। सबसे पहले स्वर्गीय बेदी ने 14 फुट ऊंची प्रतिमा स्थापित करवाई थी।