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The Habit of Moving Legs Increases The Risk of Heart Attack पैर हिलाने की आदत से बढ़ता है हार्ट अटैक का खतरा

The Habit of Moving Legs Increases The Risk of Heart Attack : हर व्यक्ति में कुछ न कुछ आदतें होती हैं। जिसे कुछ अच्छा मानते हैं, तो कुछ बुरा। कुछ आदतें ऐसी होती हैं, जो खुद के साथ-साथ आसपास के वातावरण को भी प्रभावित करती हैं। कई लोगों को बैठे या लेटे हुए पैर हिलाने की आदत होती है।

अक्सर लोग पैर हिलाने को अशुभ मानते हैं और दूसरे व्यक्ति को ऐसा करने पर टोकते हैं। यह आदत स्वास्थ्य की दृष्टि से भी हानिकारक है। पैर हिलाने से घुटनों और जोड़ों के दर्द की समस्या हो जाती है। पैरों की नसों पर दबाव पड़ने से नुकसान होता है। इसी का बुरा प्रभाव दिल पर पड़ता है, जिससे हार्टअटैक का खतरा बढ़ने लगता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार यह रेस्टलेस सिंड्रोम के लक्षण हो सकते हैं।

यह है रेस्टलेस सिंड्रोम (The Habit of Moving Legs Increases The Risk of Heart Attack)

यह नर्वस सिस्टम से जुड़ा रोग है। पैर हिलाने पर व्यक्ति में डोपामाइन हार्मोन स्त्रावित होने के कारण उसे ऐसा बार-बार करने का मन करता है। इसे स्लीप डिसआर्डर भी कहते हैं। नींद पूरी न होने पर वह थका महसूस करता है। जांच लक्षणों के आधार पर ब्लड टेस्ट किया जाता है। नींद न आने की दिक्कत बढ़ने पर पॉलीसोमनोग्राफी (पीएसजी) भी करवाकर इसकी पुष्टि की जाती है। इस जांच से नींद न आने के कारणों को जाना जाता है।

बीमारी के लक्षण (The Habit of Moving Legs Increases The Risk of Heart Attack)

पैरों में झंझनाहट व चीटियां चलने जैसा महसूस होना। पैरों में जलन व खुजली
पैरों में कम्पन या दर्द। रात में सोते समय भी पैर हिलाना। पैर दबवाने की इच्छा करना और थकावट आदि।

आयरन की कमी से होता है रोग (The Habit of Moving Legs Increases The Risk of Heart Attack)

यह रोग आयरन की कमी के कारण होता है। इसके अलावा किडनी, पाकिंर्संस से पीड़ित मरीजों व गर्भवतियों में डिलिवरी के अंतिम दिनों में हार्मोनल बदलाव भी कारण हो सकते हैं। ज्यादा शराब पीने व कुछ खास दवाओं (जुकाम व एलर्जी) से भी होने का खतरा रहता है। शुगर, बीपी व हृदय रोगियों में इसका खतरा बढ़ता है।

नींद-व्यायाम से मिलेता है आराम (The Habit of Moving Legs Increases The Risk of Heart Attack)

पर्याप्त नींद लें और कम से कम 7 या 8 घंटे की अच्छी नींद जरूर लें। नियमित रूप से व्यायाम करें और स्ट्रेचिंग करें। अपने खानपान पर विशेष ध्यान दें और आहार में आयरन युक्त चीजें जैसे सरसों, पालक, चुकंदर आदि शामिल करें। कई मामलों में इलाज के तौर पर आयरन की दवाएं दी जा सकती हैं।

कैफीन युक्त पदार्थ, धूम्रपान और शराब से परहेज करें। इलाज के तौर पर आयरन की दवाएं दी जाती हैं। बीमारी गंभीर होने पर अन्य दवाएं दी जाती हैं जो सोने से दो घंटे पहले लेनी होती हैं। ये अनिद्रा दूर कर स्थिति सामान्य करती हैं। कुछ खास व्यायाम जैसे हॉट ऐंड कोल्ड बाथ, वाइब्रेटिंग पैड पर पैर रखने से भी राहत मिलती है।

The Habit of Moving Legs Increases The Risk of Heart Attack

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India News Editor

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