इंडिया न्यूज,काम की बात,(There are so many days out 31 days of October, Teej-festival ): अक्तूबर का महीना तीज त्योहार का महीना माना जाता है । अबकि बार अक्तूबर के 31 दिनों में से 16 दिन तीज-त्योहारों के दिन रहेंगे । ये तीज-त्योहार और मौसम परिवर्तन का समय है। महीने के 31 में से 16 दिनों में दशहरा, पुष्य नक्षत्र, तुला संक्रांति, दीपावली जैसे बड़े उत्सव और व्रत-उपवास रहेंगे। ऋतु परिवर्तन का समय होने से इन दिनों में पूजा-पाठ, जप और ध्यान करें और खान-पान के लेकर सतर्क रहना चाहिए। ज्योतिष के अनुसार अभी वर्षा ऋतु के जाने का और शीत ऋतु के आने का समय है। जब-जब ऋतुओं का संधिकाल होता है, तब खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इन दिनों में की गई खान-पान की लापरवाही से सेहत पर बुरा असर हो सकता है। वात, पित्त और कफ से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए अक्टूबर में उत्सव मनाते समय जैसी चीजें खाने से बचें, जो स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती हैं।’
अक्टूबर में 16 दिन रहेंगे तीज-त्योहार के
इस महीने में चार दिन नवरात्रि के, दशहरा (5 अक्टूबर), पापांकुशा एकादशी (6 अक्टूबर), शरद पूर्णिमा (9 अक्टूबर), करवा चौथ (13 अक्टूबर), तुला संक्रांति और पुष्य नक्षत्र (18 अक्टूबर), रमा एकादशी (21 अक्टूबर), धनतेरस (22 अक्टूबर), नरक चतुर्दशी (23 अक्टूबर), दीपावली (24 अक्टूबर), गोवर्धन पूजा (26 अक्टूबर), भाई दूज (27 अक्टूबर), छठ पूजा (30 अक्टूबर) है।
दैनिक जीवन में ध्यान देने योग्य बातें
अक्टूबर में मौसमी फलों का सेवन करें। रोज सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद सूर्य को तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं। जल चढ़ाते समय ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जप करें।
सूर्य को अर्घ्य देने के बाद घर के मंदिर पूजा-पाठ के साथ ही इष्टदेव के मंत्रों का जप करते हुए ध्यान जरूर करें। ऐसा करने से मन शांत होता है और नकारात्मक विचार दूर होते हैं।
9 अक्टूबर से कार्तिक महीने के स्नान शुरू हो जाएंगे। कार्तिक माह में रोज सुबह पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है। आप चाहें तो इस महीने में नदी में स्नान कर सकते हैं। अगर आपके शहर के आसपास नदी नहीं है तो पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं।
कार्तिक मास में जप-तप और पूजा-पाठ के साथ ही दान-पुण्य की जरूर करें। इन दिनों में जरूरतमंद लोगों को कंबल, ऊनी वस्त्र, जूते-चप्पल दान कर सकते हैं।
दीपावली से पहले अपने घर की और आसपास की अच्छी तरह साफ-सफाई कर लेनी चााहिए। मान्यता है कि जिन घरों में गंदगी रहती है, वहां देवी लक्ष्मी का आगमन नहीं होता है।
3 और 4 अक्टूबर को नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि रहेगी। इन दिनों में छोटी कन्याओं को खाना खिलाएं और दान-पुण्य करें।
5 अक्टूबर को दशहरा है। इस दिन श्रीराम नाम का जप करें, पूजा करें। हनुमान जी के सामने दीपक जलाकर हनुमान चालीसा, रामायण या सुंदरकांड का पाठ कर सकते हैं।
ऐसे कर सकते हैं ध्यान और मंत्र जप
रोज सुबह जल्दी उठने के बाद किसी शांत स्थान पर आसन बिछाकर पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं। आंखें बंद करें और अपना ध्यान दोनों आंखों के बीच आज्ञा चक्र पर लगाएं। व्यर्थ विचारों का प्रवाह रोकें और सांस की गति सामान्य रखें। इस तरह ध्यान करेंगे तो मन शांत हो सकता है। इसी तरह ध्यान करते हुए अपने इष्टदेव के मंत्रों का जप कर सकते हैं।
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