इंडिया न्यूज (Hormones of Happiness)
दुनियाभर में कुछ लोग ऐसे होते हैं जो कभी भी दुखी नजर नहीं आते, उनके चेहरे पर हमेशा एक प्यारी सी हंसी नजर रहती है। बता दें क्योेंकि उनकी शरीर में हैप्पी हॉर्मोन्स का सही तरीके से सिक्रीशन है। अब आप सोच रहे होंगे ये हैप्पी हार्मोंस क्या है। तो चलिए जानते हैं हैप्पी हार्मोन्स के प्रकार व इसके बारे में।
शरीर के हैप्पी चार हार्मोन्स
पहला हैप्पी हार्मोन्स होता है सिरोटोनिन, दूसरा एंडोर्फिन, तीसरा आॅक्सीटोन और चौथा डोपामाइन। अक्सर मानसिक तौर पर परेशान रहने वालों में इन हार्मोन्स की कमी होती है, जिसका सीधा असर सेहत पर पड़ता है। तो मूड और सेहत दोनों को अच्छा रखने के लिए जरूरी है कि कुछ ऐसा करें जिससे ये हार्मोन्स बूस्टेड रहें।
डोपामाइन है रिवॉर्डिंग हॉर्मोन
इस हार्मोन को रिवॉर्ड केमिकल भी कहा जाता है। क्योंकि डोपामाइन हार्मोन तब रिलीज होता है जब हमारे दिमाग को इशारा मिलता है कि आपको कोई रिवॉर्ड मिलने वाला है। इसलिए हमें ऐसे टास्क को करना चाहिए जिससे ये एहसास हो कि हम जो कर रहे हैं वह अहम है। आर्ट और हॉबी इसमें सहायक सिद्घ होते हैं।
इस तरह बढ़ाएं: नए छोटे-छोटे लक्ष्य बनाएं और धीरे-धीरे उन्हें पूरा करने की कोशिश करें। उद्देश्य पढ़ाई, नौकरी या किसी प्रकार की सफलता हासिल करने से संबंधित हो सकते हैं। ऐसे काम करें जिससे तारीफ मिले। छोटी-छोटी जीत या सफलता का उत्सव मनाने से भी डोपामाइन हॉर्मोन बढ़ता है। इसके अलावा किसी कार्य में असफलता मिली है तो निराश होने के बजाय दोबारा कोशिश करें। खुद पर ध्यान दें, सेहत का ख़्याल रखें और पसंद का भोजन करें।
ऑक्सीटोसिन है अहम
आॅक्सीटोसिन को लव हॉर्मोन कहा जाता है। जिसका सिक्रीशन अक्सर तब होता है जब आप किसी बहुत ही खास इंसान के करीब होते हैं या किसी से प्यार करते हैं। मतलब साफ है कि अच्छी फीलिंग इस हार्मोन के सिक्रीशन को बढ़ा सकता है।
इस तरह बढ़ाएं: दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताएं और हो सके तो उन्हें गले लगाकर प्रेम जाहिर करें। घर में बच्चे हैं तो उनके साथ खेलें। योग या व्यायाम करने से भी आॅक्सीटोसिन हॉर्मोन बढ़ता है। अपनों के लिए कुछ अच्छा कर सकते हैं, जैसे कि उपहार दें या किसी की मदद भी कर सकते हैं। इसके अलावा खाने की खुशबू और स्वाद से भी हॉर्मोन का स्तर बढ़ाया जा सकता है।
एंडोर्फिन देता है मेंटल रिलेक्सेशन
अच्छी नींद, योग निद्रा, मेडिटेशन और डीप ब्रीदिंग इंपॉटेंट आपको मानसिक तौर पर शांत रखते हैं और इस हार्मोन को भी बूस्ट करते हैं। हंसने के बहाने ढूंढें। ऐसे लोगों का साथ चुनें जो आपको हंसाएं और खुश महसूस कराएं। जब आप हंसते हैं तो एंडोर्फिंस हॉर्मोन का स्राव तेजी से होता है। संगीत सुनें और उसके साथ-साथ थिरकें। जोक्स पढ़ें या कॉमेडी शो देखें। पसंद का भोजन खाएं, पसंद के काम करें और घूमना पसंद है तो उसके लिए समय निकालें। व्यायाम डोपामाइन, सेरोटोनिन और आॅक्सीटोसिन हॉर्मोन के साथ-साथ एंडोर्फिंस भी बढ़ाता है।
सिरोटोनिन से कंट्रोल होता है मूड़
मेडिटेशन करके इस हार्मोन को आसानी से बूस्ट किया जा सकता है। ये मूड को अच्छा और शांत रखता है। इसलिए जिस दिन आप अच्छा महसूस नहीं कर रहे हों उस दिन योग और मेडिटेशन के सहारा लेकर इसे बूस्ट करें।
इस तरह बढ़ाएं: रोज नियम से व्यायाम करें, जिससे आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा। हमेशा सकारात्मक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करें। यदि आप किसी काम में विफल होते हैं और उसके बारे में ही सोचते रहेंगे तो सेरोटोनिन हॉर्मोन का स्तर कम होता जाएगा। आपने जो खोया है उस पर ध्यान न देते हुए जो हासिल किया है उस पर ध्यान देंगे तो हॉर्मोन का स्राव बढ़ेगा। इसके अलावा रोज कुछ नया करने की कोशिश करने के लिए खुद को चुनौती दें।