इंडिया न्यूज:
Unani Cupping Therapy : भागदौड़ भरी जिंदगी में खानपान के कारण लोगों में कई तरह की बीमारियां आम हो गई हैं। बुजुर्ग ही नहीं, युवा वर्ग के लोग भी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त हो रहे हैं।
ऐसे में यूनानी चिकित्सा की कपिंग थेरेपी कई रोगों के इलाज में कारगर साबित हो रही है। यह थेरेपी हजारों वर्ष पुरानी यूनानी चिकित्सा पद्धति है। इसे अरबी में हिजामा, अंग्रेजी में कपिंग, मिस्र में इलाज बिल कर्न व भारत में रक्त मोक्षण के नाम से जाना जाता है।
बता दें यूनानी कपिंग थेरेपी में त्वचा पर एक वैक्युम कप लगाया जाता है जो त्वचा को अंदर की ओर खींचता है। इससे शरीर से दूषित खून इकट्ठा हो जाता है, जिसे निकालकर बीमारी को दूर किया जाता है। इससे नए खून का निर्माण होता है और कई बीमारियां दूर हो जाती हैं।
दो प्रकार की होती है कपिंग थेरेपी (Unani Cupping Therapy)
ड्राई कपिंग थेरेपी में गर्म कप या पंप लगे हुए पंप को सीधे प्रभावित हिस्से पर लगाया जाता है। गर्मी या पंप द्वारा बनाए वैक्यूम से त्वचा को ऊपर उठाया जाता है।
वेट कपिंग में ड्राई कपिंग की तरह सक्शन बनाया जाता है लेकिन लाल धब्बों को लाने के लिए 3 मिनट के बाद इस कप को हटा दिया जाता है। शरीर से दूषित रक्त को निकालने के लिए इस पैच पर छोटे चीरे लगाए जाते हैं।
इन बीमारियों का इलाज संभव (Unani Cupping Therapy)
यूनानी कपिंग थेरेपी के जरिए माइग्रेन, ज्वाइंट पेन, कमर दर्द, स्लिप डिस्क, सर्वाइकल डिस्क, पैरों में सूजन, सुन्न होना और झनझनाहट, हर प्रकार का दर्द, सायटिका, चर्मरोग, स्पॉन्डिलाइटिस, किडनी, हृदय रोग, लकवा, मिर्गी, गर्भाशय व हार्मोनल विकार, अस्थमा, साइनुसाइटिस, मधुमेह, मोटापा, थायरॉइड की समस्या, पेट के रोग, चेहरे पर दाने व दाग धब्बे और गंजेपन जैसी समस्याओं का इलाज संभव है।
(Unani Cupping Therapy)
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