India news(इंडिया न्यूज़), Nikita Sareen,UP News: बीजेपी ने 2019 में हारी हुई 14 लोकसभा सीटों पर जीत के लिए नए सिरे से प्लान तैयार किया है। इन लोकसभा सीटों पर सभी प्रभारियों को जातीय-सामाजिक विश्लेषण कर रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है। यह रिपोर्ट के आधार पर जो जातियां बीजेपी के साथ नहीं हैं, उन्हें जोड़ने के लिए बीजेपी अभियान चलाएगी। इसके साथ ही बीजेपी हारी हुई लोकसभा सीटों पर विपक्षी प्रत्याशियों को भी पार्टी में शामिल कराने की सूची बनाने में भी जुट गई है। पार्टी ने तय किया है कि पंचायत से लेकर लोकसभा चुनाव में तीसरे या चौथे स्थान पर रहने वाले प्रत्याशियों को बीजेपी पार्टी में शामिल कराएगी।

बीजेपी ने यूपी में 2014 में 73 सीटें जीती थीं। इस चुनाव में विपक्ष के पास केवल सात सीटें ही थीं। 2019 में बीजेपी सिर्फ 16 सीटें ही जीत नहीं पाई थी। इनमें से भी उसने उपचुनाव में रामपुर जीतकर यह साबित कर दिया कि मुश्किल सीटें जीत सकती है। अब केवल 14 ही ऐसी सीटें हैं, जिन्हें बीजेपी को विपक्ष से अपने पाले में करना है। इनमें रायबरेली, लालगंज, संभल, मुरादाबाद, मैनपुरी, गाजीपुर, घोसी, श्रावस्ती, अमरोहा, बिजनौर, जौनपुर, नगीना, सहारनपुर और अम्बेडकर नगर लोकसभा सीटें हैं, जिसे भाजपा जीत नहीं सकी थी। बीजेपी की अब सारी कोशिश विपक्ष की जीती हुई इन्हीं सीटों में सेंधमारी करने की है। इसमें विपक्ष के पूर्व जनप्रतिनिधियों को भी साधने की कोशिश की जा रही है।

हारी हुई सीटों का राष्ट्रीय पदाधिकारियों को जिम्मा

इस बार बीजेपी ने तीन से चार लोकसभा को संभालने का जिम्मा राष्ट्रीय पदाधिकारियों को दे दिया है। इनमें अवध क्षेत्र की जिम्मेदारी राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल, काशी क्षेत्र की जिम्मेदारी राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े और पश्चिम की जिम्मेदारी राज्यसभा सांसद नरेश बंसल को दी गई है। यह सभी चार से पांच लोकसभा सीटों को लेकर बैठक कर रहे हैं। इससे पहले बीजेपी ने केंद्रीय मंत्रियों को इन लोकसभा सीटों की जिम्मेदारी दी थी यूपी में 7 केंद्रीय मंत्री आरके सिंह, अश्वनी वैष्णव, मीनीक्षी लेखी, नरेंद्र सिंह तोमर, एसपी सिंह बघेल, अन्नपूर्णा देवी व जितेंद्र सिंह को लगाया है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व रघुबर दास को भी लगाया गया था।

मठों और मंदिरों को साधेंगे

बीजेपी की नजर सभी धर्मों के धर्मगुरुओं के साथ उनके अनुयायियों पर भी है। इसके लिए हर विधानसभा में आने वाले मठ-मंदिरों और धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों की सूची तैयार करना शुरू कर दी गई है। इनकी सूची बनाकर भाजपा कार्यकर्ता यहां संपर्क के साथ खिचड़ी और समरसता भोज जैसे आयोजनों से अनुयायियों तक पहुंचेंगे।

नजदीक लाएंगे बूथ, बढ़ाएंगे नए वोटर

इन लोकसभा सीटों में बूथों के गठन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अब इन लोकसभा सीटों पर बीजेपी बूथवार अभियान चलाएगी। यह अभियान नवंबर तक चलाया जाएगा। इनमें वार्ड अध्यक्ष से लेकर जिलाध्यक्ष और लोकसभा संयोजक और प्रभारी मिलकर बूथों के गठन की प्रक्रिया में हिस्सा लेंगे। वह अपनी विचारधारा वाले मतदाताओं के सभी बूथों को नजदीक लाने में जुटेंगे। इसके लिए चुनाव आयोग के साथ मिलकर कार्यकर्ता सुझाव देंगे। यही नहीं मतदाता पुनरीक्षण अभियान में सभी को अपने नए वोटर भी बढ़वाने हैं। जिनके नाम कट गए हैं, उन्हें भी जुड़वाने में बीजेपी कार्यकर्ता जुटेंगे।

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