India News (इंडिया न्यूज़), Uttar Praadesh : उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री रहे डॉ. दिनेश शर्मा को अब नई जिम्मेदारी मिल चुकी है। उन्हें भारतीय जनता पार्टी ने यूपी से राज्यसभा का सदस्य बनाने के लिए मंगलवार को नामांकन कराया। जिसके बाद
उनका निर्विरोध निर्वाचित होना तय है। क्योंकि उपचुनाव के लिए एकमात्र दिनेश शर्मा ने ही नामांकन किया है। दिनेश शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी की मौजूदगी में नामांकन दाखिल किया।
दिनेश शर्मा ब्राह्मण चेहरे के तौर पर पहचान
प्रदेश में ब्राह्मण चेहरे के तौर पर अपनी पहचान रखने वाले दिनेश शर्मा को इसी पहचान के चलते 2017 में यूपी में भाजपा की सरकार बनने पर उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया गया था। हालांकि 2022 के आते आते इस पहचान में बदलाव हुआ तो उनकी जगह ब्राह्मण चेहरे के तौर पर बृजेश पाठक को उपमुख्यमंत्री बना दिया गया। अब पार्टी ने एक बार फिर लोकसभा चुनाव के पहले दिनेश शर्मा को ब्राह्मण चेहरे के तौर पर उन्हें आगे किया है। जिसके बाद यह देखना होगा कि भाजपा का यह प्रयोग कितना कामयाब होता है।
भाजपा परंपरागत वोटर साधने की कोशिस
देश में अगले साल लोकसभा के चुनाव हैं। जिसको लेकर सभी राजनीतिक दल अपने-अपने हिसाब से तैयारी कर रहे हैं। सभी दलों का यह प्रयास है कि जो उनके परंपरागत वोटर है वह उनसे जुड़ें रहे साथ ही नए वोटरों को भी जोड़ने का प्रयास किया जाए। प्रदेश में जहां कांग्रेस की तरफ से ब्राह्मण चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर एक बार फिर से इस वोट बैंक की ओर पकड़ बनाने की कोशिश की गई है। तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी की जयंती भी कांग्रेस मना रही है। ऐसे में हरिद्वार दुबे के आकस्मिक निधन से खाली हुई सीट पर ऐसा तय माना जा रहा था।
दिनेश शर्मा के पार्टी के शीर्ष नेताओं से बेहतर रिश्ते
ब्राह्मण चेहरा ही इस सीट के उपचुनाव के लिए सबसे उपयुक्त रहेगा। ऐसे में पार्टी हाई कमान ने दिनेश शर्मा को सबसे योग्य उम्मीदवार माना। इसके पीछे का एक कारण यह भी माना जाता है कि दिनेश शर्मा के पार्टी के शीर्ष नेताओं से बेहतर रिश्ते हैं। वहीं दिनेश शर्मा की साफ सुथरी छवि भी रही है। इसके अलावा दिनेश शर्मा पार्टी गुटबाजी से दूर रहने वाले नेता माने जाते हैं। साथ ही उनके पास छात्र राजनीति से लेकर प्रदेश की राजनीति तक का लंबा अनुभव रहा है, और अब केंद्र की राजनीति में भी दिनेश शर्मा की सक्रीय भूमिका रहने वाली है।
दिनेश शर्मा के राजनीतिक जीवन
डॉ दिनेश शर्मा के राजनीतिक जीवन पर अगर नजर डालें तो लखनऊ विश्वविद्यालय में वाणिज्य के प्रोफेसर दिनेश शर्मा यूपी के उपमुख्यमंत्री रहने के अलावा लखनऊ के लगातार दो बार मेयर रह चुके हैं। वहीं इसके पहले साल 1987 में लखनऊ विद्यार्थी परिषद के अध्यक्ष के तौर पर उन्हें पहली बड़ी जिम्मेदारी मिली थी। इसके बाद 1991 में उन्हें भाजपा युवा मोर्चा का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया। फिर साल 1993 से लेकर 1998 तक दिनेश शर्मा भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे। साल 2006 में वह पहली बार लखनऊ के मेयर चुने गए इसके बाद मेयर पद पर रहते हुए ही जब उत्तर प्रदेश में 2017 में भाजपा की सरकार बनी तो वह योगी सरकार के पहले कार्यकाल में उपमुख्यमंत्री बनाए गए।
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