हमारे आस-पास ऐसे कई पौधे-झाड़ियां होती हैं जिन्हें हं जानकारी न होने के कारण उखाड़ कर फेंक देते हैं या नज़रअंदाज़ कर देते हैं। अगर इन पौधों-झाड़ियों का ज्ञान हमें हो तो हम प्राकृतिक रूप से अपना उपचार खुद कर सकते हैं। ऐसे ही एक पौधे के बारे में हम बात करने जा रहे हैं जो सेहत का खज़ाना है। उस पौधे का नाम विधारा है, इसे अधोगुड़ा भी कहते हैं। विधारा के इतने फायदे हैं कि इसे शक्तिशाली टॉनिक के रूप में देखा जाता है। ये पौधा नसों में होने वाली परेशानियों के लिए बपुत उपयोगी है।
इसके फूल हलके बैंगनी रंग के होते हैं। इसकी पत्तियां दिखने में दिल के आकार की होती हैं। ये पौधा आपको बारिश के मौसम में देखने को मिल जाएगा। ये अक्सर नदी, तालाब या झील के पास पाए जाते हैं। ये एक ऐसा पौधा है जिसका फल, फूल, पत्तियां, तना, जड़ सब इस्तेमाल हो जाता है।
आइये जानते हैं विधारा के फायदों के बारे में
1. नसों को बनाये फ्री
विधारा दिमाग़ के लिए बेहद खास है, क्योंकि ये सेंट्रल नर्वस सिस्टम को मज़बूत करता है जिससे पूरा शरीर फ्री होता है। जब नसें शिथिल हो जाती हैं तब, थकान, कमज़ोरी और साथ ही कई बीमारियां हो जाती हैं। विधारा बुद्धि को भी तेज़ करता है।
2. दिलाए डायबिटीज़ से छुटकारा
विधारा के बीज का सेवन करने से डायबियीज़ कंट्रोल रहता है और इंसुलिन की मात्रा संतुलित रहती है। इसके लिए 1-2 ग्रा. विधारा के चूर्ण में शहद मिलाकर सेवन करें।
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3. सिरदर्द में राहत
सिर में दर्द हो तो विधारा की जड़ को पीसकर, चावल के पानी मिलाकर अपने माथे पर लगाएं। इससे सिरदर्द में काफी आराम मिलता है।
4. पक्षाघात से लाभ
पक्षाघात यानी शरीर का दाँए या बाँए भाग में लकवा मार जाना। एसे में अजमोदादि चूर्ण के सेवन से आराम मिलता है। अजमोदादि चूर्ण विधारा और अन्य घटक द्रवयों को मिलाकर बनता है।
5. जोड़ों के दर्द में फायदा
विधारा मूल में बराबर मात्रा में शतावर मूल को मिलाकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े को 15-30 मि.ली. की मात्रा में पियें।
विधारा की जड़ का काढ़ा बनाकर 15-30 मि.ली. की मात्रा में पीने से या 1-2 ग्रा विधारा की जड़ के चूर्ण का सेवन करें, जोड़ों के दर्द में आराम मिलेगा।
6. आँखों के लिए वरदान
विधारा आँखों के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। 5 मि.ली.विधारा के रस में 5 मि.ली. ही शहद मिलाकर आँखों में काजल की तरह लगाने से आँखों में लाली, खुजली या चौंधियाना जैसी परेशानियों में लाभ होता है।