क्या आप भी बना रहें है जम्मू-कश्मीर का प्लान तो पहले जान ले कश्मीर के मौसम का हाल !

J&K Weather Forecast: क्या आप भी इस विंटर वेकेशन जम्मू-कश्मीर जानें का सोच रहें है। तो जाने से पहले जरुर जान लें वहां के मौसम का हाल. आपको बता दें कि इस वक्त जम्मू-कश्मीर के ज्यादातार स्थानों का तापमान शून्य से नीचे चला गया है। लेकिन श्रीनगर और कुपवाड़ा में कुछ बेहतर स्थिति बनी हुई है. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि इस सप्ताह के आखिर तक घाटी एक और पश्चिमी विक्षोभ (शीतलहर) की चपेट में आ सकती है.

जानें क्या है श्रीनगर का हाल

आपको बता दें कि श्रीनगर में सोमवार की रात न्यूनतम तापमान 1.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो पिछली रात 0.9 डिग्री सेल्सियस था. वहीं अधिकारियों ने बताया कि घाटी का प्रवेश द्वार कहलाने वाले काजीगुंड में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 0.8 डिग्री सेल्सियस और दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 3.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

पहलगाम में पहुंचा माइनस में तापमान

सीमावर्ती जिले कुपवाड़ा में न्यूनतम तापमान 2.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. अनंतनाग जिले के पर्यटन रिजॉर्ट शहर पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 3.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. पहलगाम में सालाना अमरनाथ यात्रा का आधार शिविर लगता है. वहीं अधिकारियों ने बताया कि बारामुला जिले के गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 4.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. घाटी में कल की तरह आज भी दिन का तापमान कम रहा और किसी भी मौसम केंद्र में पारा 10 डिग्री सेल्सियस से अधिक दर्ज नहीं किया गया.

इन इलाको में होगी हल्की बर्फबारी और बारिश

इस बीच, मौसम विभाग के कार्यालय ने कहा कि ऊंचाई वाले इलाकों में कई स्थानों पर मध्यम बर्फबारी तथा घाटी के मैदानी इलाकों में हल्के से मध्यम हिमपात होने की उम्मीद है. कार्यालय के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में कई जगहों पर हल्की बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश की संभावना है.

क्या है मौसम वैज्ञानिकों का कहना

मौसम वैज्ञानिकों ने कहा कि मंगलवार और बुधवार को आसमान में बादल छाए रहेंगे, जम्मू के मैदानी इलाकों में बारिश के साथ व्यापक मध्यम बर्फबारी और ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी हो सकती है. कश्मीर फिलहाल 40 दिनों की भयंकर सर्दी ‘चिल्लई-कलां’ की गिरफ्त में है. इस दौरान हिमपात की बहुत अधिक संभावना रहती है. यह दौर 21 दिसंबर से 30 जनवरी तक चलता है. इसके बाद घाटी में 20 दिन तक ‘‘चिल्लई-खुर्द’’ और 10 दिन तक ‘‘चिल्लई-बच्चा’’ का दौर रहता है.

Swati Singh

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