India News (इंडिया न्यूज), West Bengal: पश्चिम बंगाल सरकार और विश्व हिन्दू परिषद के बीच टकराव का मामला सामने आया है। यह मामला शेरों से जुड़ा हुआ है। विश्व हिन्दू परिषद ने कलकत्ता हाईकोर्ट की जलपाईगुड़ी बेंच में वन विभाग के खिलाफ याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि वन विभाग सिलीगुड़ी सफारी पार्क लाए जाने वाले शेर और शेरनी के नाम कथित तौर पर क्रमश: अकबर और सीता रखने जा रहा है।

16 फरवरी को रखा गया था मामला

कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस सौगत भट्टाचार्या की बेंच के सामने यह मामला रखा गया है। 16 फरवरी को उनके सामने इस मामले को रखा गया। विश्व हिन्दू परिषद के अनुसार शेरों को त्रिपुरा के सिपाहीजाला वन्य अभयारण्य से लाया गया था। जिसमें शेर की उम्र 7 साल का है और शेरनी की उम्र 6 साल की है।

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सीएम ममता बनर्जी करेंगी नामकरण

कहा जा रहा है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शेर और शेरनी का नामकरण करेंगी। वन विभाग उनसे शेरों का नामकरण करवाएगा। हालांकि, वन विभाग ने अधिकारिक तौर यह नहीं बताया है कि शेरों का नाम क्या रखा जाएगा और नहीं वन विभाग की ओर से कोई बयान जारी किया गया है।

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विहिप ने बताया हिन्दू धर्म का अपमान

विश्व हिन्दू परिषद की स्थानीय इकाई के प्रमुख का कहना है कि शेर का नाम अकबर और शेरनी का नाम सीता रखकर हिन्दू धर्म का अपमान करने का प्रयास किया जा रहा है। विहिप की स्थानीय इकाई के प्रमुख दुलाल चंद्र रे ने कहा कि इसका कड़ा विरोध किया जाएगा। विहिप के वकील शुभंकर दत्ता ने कहा कि सरकारी दस्तावेज में शेरों को नर व मादा बताया गया है, लेकिन लाने से पहले इन्हें अकबर और सीता नाम दिए जा रहे हैं। जिसे बदलने की मांग की गई है।

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