What Are The Symptoms And Care Of Intestinal Upset : आंतों में खराबी यानि शरीर का पाचन पत्र कमजोर होना। आंतों में खराबी का असर हमारे पूरे शरीर पर पड़ता है। अनियमित लाइफस्टाइल और खान-पान कई बार आंतों के लिए समस्या बन जाता है। लेकिन बहुत से लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं और हमारी यही गलती डाइजेस्टिव से जुड़ी समस्याओं का कारण बन जाती है। तो जानते है कि आंतों में खराबी के लक्षण क्या हैं।
आंत न केवल भोजन को पचाती है, बल्कि ये हमारी भावनाओं को प्रोसेस कर शरीर के अन्य हिस्सों की देखरेख करती है। आंत की देखभाल करने का अर्थ है शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य दोनों का ध्यान रखना। ऐसा इसलिए क्योंकि 70 प्रतिशत से ज्यादा सेरोटोनिन यानी हैप्पीनेस हार्मोन हृदय या मस्तिष्क में नहीं बल्कि आंत में बनता है।
आंतों में खराबी के लक्षण (What Are The Symptoms And Care Of Intestinal Upset)
जब आंतों में खराब बैक्टीरिया का अनुपात बहुत ज्यादा बढ़ जाता है तो हमारी पाचन क्रिया सामान्य नहीं रहती है। नतीजन पेट में गैस या एसिडिटी की तकलीफ बढ़ जाती है। न्यूट्रिशनिस्ट का कहना है कि पौष्टिक भोजन, बिना विचलित हुए खाना और भोजन को अच्छी तरह चबाकर खाना पाचन क्रिया के लिए फायदेमंद होता है।
अगर आपकी डाइजेस्टिव वॉल में परेशानी हो रही है तो यह खराब कॉन्सट्रेशन या मानसिक अवसाद जैसी दिक्कतों को भी ट्रिगर कर सकता है। ऐसी मानसिक समस्याएं आंतों में खराबी का लक्षण हो सकती हैं।
क्या आप जानते हैं हमारी डाइजेस्टिव हेल्थ और लो मूड या डिप्रेशन का सेहत से मजबूत संबंध होता है। क्या ये नहीं दशार्ता कि जब भी हम लो फील करते हैं तो हमें भूख लगती है या फिर हम अपनी भूख खो बैठते हैं। एक्सपर्ट ने बताया कि इन बैक्टीरिया का हमारे पेट में सक्रिय रहना सही नहीं है। अच्छी नींद, फ्रेश प्रोड्यूस और स्ट्रेस मैनेजमेंट हमारी आंत और दिमाग दोनों के लिए अच्छे साबित होते हैं।
आंतों से जुड़ी किसी प्रकार की दिक्कत जैसे कि इनफ्लेमेशन, आंत में छेद या डाइजेशन की समस्या का असर सबसे पहले हमारी त्वचा पर दिखाई देता है। स्किन हमारे शरीर का सबसे बड़ा हिस्सा होती है। शरीर में किसी भी दिक्कत का असर इस पर सबसे पहले दिखाई देता है। हमारी हेल्दी ग्लोइंग स्किन आंतों की अच्छी हेल्थ या हमारे हेल्दी लाइफस्टाइल का ही परिणाम होती हैं।
मेगन रॉसी के मुताबिक, कुछ चंद बातों का खयाल रखकर आप अपने पाचन स्वास्थ्य और आंतों के माइक्रोबियम को बेहतर बना सकते हैं।
विभिन्न प्रकार के भोजन का सेवन करें इससे माइक्रोबियम स्वस्थ बनेंगे।
तनाव को कम करने के लिए मेडिटेशन और मानसिक योगा करना चाहिए।
अगर आपको आंत से जुड़ी कोई परेशानी है तो शराब का सेवन ना करें। कैफीन और मसालेदार खाने का सेवन ना करें।
बेहतर नींद लें। अगर आप नींद से समझौता कर रहे हैं तो ये आपके आंतों के माइक्रोब्स के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
What Are The Symptoms And Care Of Intestinal Upset
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