India News (इंडिया न्यूज़), Aditi Rao Hydari and Siddharth Married In A 400 Year Old Temple: अदिति राव हैदरी (Aditi Rao Hydari) और उनके प्रेमी सिद्धार्थ (Siddharth) ने शादी कर ली है और जीवन भर के लिए एक दूसरे के हमसफ़र बन गए हैं। 16 सितंबर, 2024 को दोनों ने वानापर्थी के 400 साल पुराने मंदिर में शादी की शपथ ली। अदिति और सिद्धार्थ ने अपने परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में एक अंतरंग समारोह किया और अभिनेत्री ने अपने विवाह समारोह की मनमोहक झलकियों से सभी को चौंका दिया। इस दौरान की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रहीं हैं।
अदिति राव हैदरी और सिद्धार्थ ने 400 साल पुराने मंदिर में की शादी
आपको बता दें कि अदिति राव हैदरी ने अपने सोशल मीडिया इंस्टाग्राम पर अपने पति सिद्धार्थ के साथ शादी की तस्वीरें पोस्ट कीं। अपने खास दिन के लिए अदिति ने एक साधारण दुल्हन का रूप धारण किया, उन्होंने बेज रंग की साड़ी और सोने के आभूषणों का चयन किया। दूसरी ओर, सिद्धार्थ ने पारंपरिक शादी समारोह में अपनी प्रेमिका के साथ शादी के बंधन में बंधते समय सफेद कुर्ता और मैचिंग धोती में शानदार दिख रहे थे।
अदिति अपनी शादी में सबसे सुंदर दक्षिण भारतीय दुल्हन लग रही हैं और उन्होंने अपने बालों को गजरे से सजी चोटी में बांधा है। बेहद प्यार में डूबा यह जोड़ा बेहद खुश नजर आ रहा है, क्योंकि उन्होंने शांत जगह पर पोज दिए, जो उनके परिवार में बहुत महत्व रखता है। इन खूबसूरत शादी की तस्वीरों के साथ अदिति ने एक कैप्शन लिखा, “‘तुम मेरे सूरज, मेरे चाँद और मेरे सभी सितारे हो’, हमेशा के लिए पिक्सी सोलमेट बने रहना, हँसी, कभी बड़े न होना, अनंत प्यार, रोशनी और जादू के लिए श्रीमती और श्री अदु-सिद्धू।”
क्या है इस मंदिर की खासियत
यह मंदिर अदिति और सिद्धार्थ के लिए खास है। इस साल की शुरुआत में एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, “शादी वानापर्थी में 400 साल पुराने मंदिर के इर्द-गिर्द होगी, जो मेरे परिवार के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।” हालांकि, अदिति ने मंदिर का नाम नहीं बताया, लेकिन एक गूगल सर्च से पता चल गया कि मंदिर का नाम श्री रंगनायक स्वामी मंदिर है, जिसे शि रंगपुर मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह हैदराबाद से लगभग 160 किलोमीटर दूर तेलंगाना के श्रीरंगपुरम गाँव में स्थित है।
मंदिर का इतिहास
एक रिपोर्ट के अनुसार, मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में हुआ था और यह विजयनगर वास्तुकला का एक सुंदर उदाहरण है। ऐसा माना जाता है कि मंदिर की वास्तुकला तमिलनाडु के श्रीरंगम में स्थित लोकप्रिय श्री रंगनाथस्वामी मंदिर से प्रेरित है। उस समय विजयनगर के राजा कृष्णदेवराय अपने राज्य में भी ऐसी ही दिव्य संरचना चाहते थे और इस तरह मंदिर अस्तित्व में आया।