Gadkari: देश के हर गांव में गोबर से पेंट बनाने की फैक्ट्री खुलवाने की तैयारी में एमएसएमई मंत्री जुटे हुए हैं। इसके लिए उनका सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम मंत्रालय खास प्लान तैयार करने में जुटा है। गोबर से पेंट बनाने के लिए एक फैक्ट्री खोलने में 15 लाख रुपये का खर्च आ रहा है। मंत्रालय का मानना है कि केंद्रीय मंत्री गडकरी का सपना साकार हुआ तो हर गांव में रोजगार के अवसर उपलब्ध होने से शहरों की तरफ पलायन की समस्या खत्म होगी।
तेजी से बढ़ी है गोबर से बने पेंट की मांग
दरअसल, केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने बीते 12 जनवरी, 2021 को खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग की तरफ से तैयार गोबर से बना प्राकृतिक पेंट लॉन्च किया था। गडकरी के मुताबिक, गोबर से बना अनोखा पेंट लॉन्च होने के बाद डिमांड काफी तेजी से बढ़ी है। अभी जयपुर में ट्रेनिंग की व्यवस्था है। इतने आवेदन आए कि सबकी ट्रेनिंग नहीं हो पा रही है। यह पेंट इकोफ्रेंडली है। पहला ऐसा पेंट है, जो विष-रहित होने के साथ फफूंद-रोधी, जीवाणु-रोधी गुणों वाला है. गाय के गोबर से बने और भारतीय मानक ब्यूरो से प्रमाणित, यह पेंट गंधहीन है। यह पेंट दो रूपों में उपलब्ध है – डिस्टेंपर तथा प्लास्टिक इम्यूलेशन पेंट के रूप में मार्केट में आया है
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गांवों मेंबढ़ेगी गोबर की खरीद
पेंट की बिक्री बढ़ने के बाद गांवों में गोबर की खरीद भी बढ़ेगी। खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के अधिकारियों के मुताबिक, सिर्फ एक मवेशी के गोबर से किसान हर साल 30 हजार रुपये कमाएंगे। अभी तक किसान गोबर का सिर्फ खेतों में खाद के रूप में इस्तेमाल करते हैं। लेकिन, गांव-गांव पेंट की फैक्ट्रियां खुलने के बाद गोबर की खरीद का भी एक तंत्र बन जाएगा, जिससे किसानों की आमदनी में इजाफा होगा। मोदी सरकार किसानों की आमदनी दोगुनी करने की कोशिशों में जुटी है। ऐसे में गोबर के माध्यम से भी किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में गडकरी के मंत्रालय ने यह प्रयास किया है।