Why is GTT Test Important During Pregnancy : महिलाओं में प्रेग्नेंसी का सफर बहुत मुश्किल और लंबा होता है। इस दौरान मां और शिशु को परेशानी न आए इसलिए डॉक्टर प्रेग्नेंसी से पहले कुछ टेस्ट करवाने को कहते हैं जिन्हें प्री-प्रेग्नेंसी टेस्ट कहा जाता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान जेस्टेशनल डायबिटीज की जांच करने के लिए डॉक्टर ग्लूकोज चैलेंज टेस्ट (जीसीटी) करवाने की सलाह देते हैं। जेस्टेशनल डायबिटीज एक प्रकार का मधुमेह है जो केवल गर्भावस्था में होता है। ग्लूकोज चैलेंज टेस्ट एक प्रीनेटल टेस्ट है जो प्रेगनेंट महिलाओं में किया जाता है। यह टेस्ट गर्भवती महिला के शरीर में शुगर लेवल को मापने के लिए किया जाता है।
ग्लूकोज चैलेंज टेस्ट या जीसीटी, आपके शरीर में ग्लूकोज की प्रतिक्रिया को मापने के लिए किया जाता है। परीक्षण करने से पहले आपको किसी मीठे पेय या कह सकते हैं कि ग्लूकोज पेय का सेवन करने के लिए कहा जाएगा । आप इस परीक्षण के दौरान खा-पी सकती हैं, जिसका मतलब है कि आपको ये परीक्षण कराने से पहले आम डायबिटीज जांच की तरह भूखे रहने की कोई आवश्यकता नहीं है।
परीक्षण करने से पहले एक घंटे आराम करने के लिए कहा जाएगा और उसके बाद, रक्त में शर्करा के स्तर का मूल्यांकन करने के लिए एक रक्त परीक्षण किया जाएगा। परिणाम के रूप में आपको कम, सामान्य या उच्च शर्करा स्तर में से कोई एक प्राप्त होगा। शरीर में उच्च शर्करा स्तर का मतलब है कि आप जेस्टेशनल डायबिटीज से पीड़ित हैं। उस स्थिति में, उपचार की पुष्टि करने के लिए ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट किया जाता है।
ग्लूकोज चैलेंज टेस्ट सभी प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए एक अनिवार्य और यूनिवर्सल स्क्रीनिंग टेस्ट है। यह टेस्ट आमतौर पर गर्भावस्था के 24वें सप्ताह और 28वें सप्ताह के बीच किया जाता है। हालांकि, यदि आप मोटापे, गर्भकालीन मधुमेह के व्यक्तिगत इतिहास, मधुमेह के पारिवारिक इतिहास या अन्य कारकों के कारण जेस्टेशनल डायबिटीज के उच्च जोखिम में हैं तो डॉक्टर आपको प्रेगनेंसी के शुरूआती दिनों में यह टेस्ट करवाने की सलाह दे सकते हैं।
गर्भावस्था की शुरूआत में टेस्ट के असामान्य परिणाम यह संकेत दे सकते हैं कि आपको पहले से मौजूद टाइप 2 मधुमेह है। अंतिम बार यह टेस्ट प्रेग्नेंसी के 32वें-34वें सप्ताह में किया जाता है। जेस्टेशनल डायबिटीज से पीड़ित अधिकांश महिलाएं स्वस्थ बच्चे को जन्म देती हैं। हालांकि, यदि जेस्टेशनल डायबिटीज का सही इलाज न हो तो इसके कारण प्रेग्नेंसी में कई जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। जेस्टेशनल डायबिटीज के कारण सी-सेक्शन डिलीवरी और जन्मजात विकृतियों की आशंका बढ़ जाती है।
रक्त शर्करा का स्तर या तो मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर या मिलीमोल प्रति लीटर में मापा जाता है। ग्लूकोज चैलेंज टेस्ट का उद्देश्य रक्त में शर्करा के स्तर को पता करना है। परीक्षण के परिणामों का मूल्यांकन सामान्य स्तर से अंतर के आधार पर किया जाता है।
एक व्यक्ति में सामान्य शर्करा का स्तर 140 मिग्रा/डेली या 7.8 मिमोल/ली होता है। हालांकि यह वो सामान्य सीमा है जो हर जगह स्वीकार की जाती है, फिर भी कुछ प्रयोगशालाओं में, इस सीमा से थोड़े कम मान को भी सामान्य माना जाता है। यदि जीसीटी परीक्षण सामान्य सीमा स्तर से ऊपर होता है तो यह इस बात का संकेत है कि आपको जेस्टेशनल डायबिटीज है।
Why is GTT Test Important During Pregnancy
Contents:Как определить разворот тренда на ФорексТест стратегии форекс «Лимитка»: +95,14% по GBP/USD за 12 месПример…
Navratri 2022 9th Day Maa Siddhidatri Puja Vidhi Vrat Katha Mantra Aarti in Hindi: नवरात्र…
Contents:Selling your item to BuyBackWorld is as easy as…GoPro swings to a surprise profit but…
Contents:India DictionaryProject Finance & Structuring SBUTop Reasons to Start Investing at an Early AgeManaging money…
Sonia Gandhi Meet Opposition parties : कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी शुक्रवार को वीडियो…
Bollywood Actress Troll : 2018 में फिल्म लवयात्री से बॉलीवुड में एंट्री करने वाली एक्ट्रेस…