India News (इंडिया न्यूज़), Will of Steel Awards: दुनिया के सबसे बड़े पत्रकारिता पुरस्कार ‘विल ऑफ स्टील अवॉर्ड्स (Will of Steel Awards)’ आज यानि 15 सितंबर 2023 को नई दिल्ली के संसद मार्ग स्थित NDMC कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया जा रहा है। इस अवॉर्ड कार्यक्रम में इस जगत से जूड़ी बड़ी-बड़ी हस्ती उपस्थित रहने वाली है।
आवॉर्ड शो की जूरी की अध्यक्षता भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद ए. बोबडे कर रहे हैं। वहीं जूरी सदस्यों में राज्यसभा के उपसभापति डॉ. हरिवंश नारायण सिंह, राज्यसभा के सदस्य डॉ. सस्मित पात्रा, बायोकॉन की फाउंडर किरण मजूमदार शॉ, द संडे गार्जियन के एडिटोरियल डायरेक्टर प्रोफेसर माधव नलपत, फोटोग्राफर रघु राय, रोटरी इंटरनेशनल के पूर्व अध्यक्ष शेखर मेहता, वरिष्ठ पत्रकार कल्याणी शंकर और फोटोग्राफर अतुल कस्बेकर शामिल है।
बता दें कि विल ऑफ स्टील अवॉर्ड्स (Will of Steel Awards) के तहत पत्रकारिता (Journalism) में जेठमलानी पुरस्कार का गठन श्री राम जेठमलानी के जन्म शताब्दी वर्ष के सम्मान में किया गया है। अवॉर्ड का उद्देश्य प्रमुख वैश्विक पुरस्कार लोकतंत्र, सार्वजनिक भलाई और सूचना में पारदर्शिता को बढ़ावा देने वाले सेवा के क्षेत्र में महान मानवतावादी की स्मृति में प्रदान किया जाना है। इसके अलावा जो न्यायशास्त्र, शासन और लोकतंत्र के स्तंभ रहे हो। इस अवॉर्ड की पुरस्कार राशि 14 लाख रुपये है।
कैटेगरी 3- The Jethmalani Prize for Empowerment यानि सशक्तिकरण के लिए जेठमलानी पुरस्कार प्राप्त करने वाली पत्रकार रही..
कैटेगरी 2- The Jethmalani Prize for Legal Journalism यानि प्रसारित करने के लिए जनसंचार माध्यमों में कानूनी पत्रकारिता के लिए जेठमलानी पुरस्कार पुरस्कार प्राप्त करने वाला माध्यम..
कैटेगरी 1- The Jethmalani Prize for Journalism in Service to Humanity यानि मानवता की सेवा में पत्रकारिता के लिए जेठमलानी पुरस्कार प्राप्त करने वाले पत्रकार रहे..
कानून मंत्री अर्जून राम मेघवाल ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया चंद्रचूड की गलती को सुधारते हुए कहा कि राम जेठलानी जी 2 बार लोकसभा और 4 बार राज्य सभा में संसद रहे थे। बता दें कि इससे पहले चीफ जस्टिस ने गलती से उनके बारे में बताते हुए एक दो लोकसभा और एक बार राज्यसभा का संसद रहने की बात कही थी।
उन्होंने 2013 का किस्सा सुनाते हुए कहा कि मैने उनसे एक बार बिकानेर चलने के लिए कहा था। उन्होंने मेरे सामने सर्त रखी। जिसमें पहला बैडमिंटन खेलना था , जिसके बाद उन्होंने अपनी बुढ़ी उम्र में ऐसा खेल खेला कि कोई जवान भी नहीं खेल सकता था। उन्होंने कहा कि वो जानदार और शानदार आदमी थे, जिनके ज्ञान के बारे में तो बात ही नहीं कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि उन्होंने सिंध से पढ़ाई की फिर नानावटी केसस, अमेरजेंसी, श्री राम मंदिर मामले, आडवी और मोदी जी के केस में फेमस हुए। कानून मंत्री ने कहा कि उन्होंने देश को बहुत अच्छी दिशा दिखाई है। उन्होंने कहा कि जिस कर्सी पर मैं बैठता हुए (कानून मंत्री), उस पर भी वो बैठे थे।
उन्होंने कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद देना चाहुगा। मैं लंदन गया था, जहां पता चला कि वर्ल्ड में वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरीये जो सबसे सुनाव हुई है तो वो इंडिया में हुए हैं।
चीफ जस्टिस ने कहा कि राम जेठमलानी जी भारत के लिए सबसे बड़े अपराधिक वकिल थे। वो 2 बार लोकसभा और एक बार राज्य सभा के संसद रह चुके है और उन्होंने अपने पद में अच्छा काम किया।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि जब राम जेठमलानी जी ने अपने लीगल करियर की शुरुआत मात्र 17 साल में की थी। लेकिन उस वक्त वकाल की उम्र 21 साल थी। जिसके बाद उन्होंने उन्होंने खुद के लिए एक विशेष प्रस्ताव पास कराया और 18 साल की उम्र में प्रैक्टिस करने की इजाजत ली।
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद उन्होंने उस वक्त काम किया जब समाज में बहुत चीजें परिवर्तित हो रही थी। लेकिन उन्होंने अपना विश्वास संवैधान और कानून पर बनाकर रखा।
उन्होंने कहा कि विभाजन के कारण उन्हें शरणार्थी के रूप में (फरवरी 1948 में) मुंबई, भारत आना पड़ा। उस वक्त उनके पास मात्र 10 रुपए थे। उन्होंने कहा कि मुबई में मात्र तीन साल की कानूनी प्रक्टिस के बाद पाकस्थान के आए शरणार्थी के लिए अपना पहला केस लड़ा।
चीफ जस्टिस ने कहा उन्होने मुबई में प्रक्टिस के 10 साल के बाद साल 1957 में सुप्रीम कोर्ट में अपना पहला केस लड़ा और एक क्रिमिनल लॉयर के रुप में आपना व्यक्ति्त बनाकर रखा। उन्होंने कहा कि राम जेठमलानी जी एक अच्छे वकील के साथ एक अच्छे अध्यापक भी रहे हैं। जिन्होंने मुबंई में बच्चों के बहतर शिक्षा दी थी।
उन्होने कहा कि जेठमलानी जी के पास राजनीतिक से लेकर कानून तक काफी अच्छे संबंध थे लेकिन उनहोंने हमेशा समाज के लिए उन संबंधों का प्रयोग किया था।
उन्होंने कहा- राम जेठमलानी में बात करते हुआ कहा कि ये हमारा लिए गर्व की बात है कि हम एक महान व्यक्तित्व की परांपरा उत्सव बना रहे हैं।
कैटेगरी 1- The Jethmalani Prize for Journalism in Service to Humanity
With Gold Medal & Award Purse के लिए 14,00,000 रुपये ($ 17,000) पुरस्कार राशि
यह पुरस्कार ‘वसुधैव कुटुंबकम’ – एक विश्व, एक परिवार की भावना से लोकतंत्र, सुशासन को बढ़ावा देने के लिए दुर्लभ और महान योगदान के लिए सम्मान दिया जाएगा।
कैटेगरी 2- The Jethmalani Prize for Legal Journalism
With Copper Medal & Award Purse के लिए ₹ 1,11,000 रुपये ($ 1,400) पुरस्कार राशि
कानूनी कार्यवाही, निर्णयों और कानूनों के बारे में सार्वजनिक हित में सटीक जानकारी प्रसारित करने के लिए जनसंचार माध्यमों के सबसे प्रभावी उपयोग के लिए यह सम्मान दिया जाएगा
कैटेगरी 3- The Jethmalani Prize for Empowerment
With Copper Medal & Award Purse के लिए ₹ 1,11,000 रुपये ($ 1,400) पुरस्कार राशिइइ
विल ऑफ स्टील अवॉर्ड्स के लिए के लिए पत्रकारों के नामंकन की अंतिम तिथि नामांकन जमा करने की अंतिम तिथि 10 सितंबर 2023 रखी गई थी
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