Women flying-officer in IAF after 12th: दुनिया की पांच सबसे शक्तिशाली वायु सेनाओं में से एक भारतीय वायु सेना ने 8 अक्टूबर 2021 को अपना 89वां स्थपना दिवस मनाया। भारतीय वायु सेना समेत तीनों रक्षा सेनाओं में सरकारी नौकरी करना न सिर्फ सर्वश्रेष्ठ कैरियर और सुरक्षित भविष्य प्रदान करती है, बल्कि सामाजिक प्रतिष्ठा और देश सेवा का गौरव भी प्रदान करती है।
ऐसे समय में जबकि महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के बराबर आ चुकी हैं, भारतीय थल सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना इन तीनों ही रक्षा सेनाओं में ऑफिसर के तौर पर भर्ती का एक और विकल्प उच्चतम न्यायालय के हाल ही में केंद्र सरकार और संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को दिये गये आदेश के चलते खुला है। इस आदेश का पालन करते हुए यूपीएससी ने भारतीय वायु सेना समेत तीनों ही सेनाओं में 12वीं के बाद इंट्री के विकल्प देने वाली एनडीए परीक्षा में महिलाओं (Women flying-officer in IAF after 12th) के आवेदन 24 सितंबर 2021 से आमंत्रित करने शुरू कर दिए हैं।
यूपीएससी के द्वारा वर्ष में दो बार आयोजित की जाने वाली एनडीए परीक्षा में आवेदन के लिए इच्छुक महिला उम्मीदवारों को किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10+2 की परीक्षा उत्तीर्ण होनी चाहिए। हालांकि, भारतीय वायु सेना में शामिल होने के लिए महिला उम्मीदवारों को फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ विषयों के साथ 10+2 परीक्षा या समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
यूपीएससी द्वारा एनडीए (2) की परीक्षा में प्रदर्शन के आधार पर सफल घोषित उम्मीदवारों को रक्षा मंत्रालय के सर्विसेस सेलेक्शन बोर्ड (एसएसबी) द्वारा आयोजित किये जाने वाले इंटरव्यू राउंड और मेडिकल परीक्षण चरणों के लिए आमंत्रित किया जाता है। फिर एसएसबी के चरणों में प्रदर्शन के आधार पर सफल महिला उम्मीदवारों (Women flying-officer in IAF after 12th) को उनकी मेरिट और उनके भारतीय वायु सेना के चयन के अनुसार तीन वर्षों की अकादमिक और शारीरिक प्रशिक्षण दिया जाता है। इसमें पास आउट होने वाले वायु सेना कैडेटों को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली द्वारा बीटेक डिग्री / बीएससी / बीएससी (कंप्यूटर) की डिग्री दी जाती है।
इसके बाद उड़ान या नॉन-टेक्निकल ग्राउंड ड्यूटी ब्रांच के लिए कैडेटों को वायु सेना अकादमी, हैदराबाद भेजा जाता है, और वायु सेना कैडेट ग्राउंड ड्यूटी (टेक्निकल ब्रांच) को वायु सेना तकनीकी कॉलेज, बैंगलूरू भेजा जाता है। वायु सेना कैडेटों को सम्बन्धित एकेडेमी से एक या डेढ़ वर्ष का प्रशिक्षण दिया जाता है। इस प्रशिक्षण को पूरा करने के बाद कैडेटों को भारतीय वायु सेना में फ्लाईंग ऑफिसर के तौर पर स्थायी नियुक्ति दी जाती है।
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