India News (इंडिया न्यूज), Year Ender 2023: साल 2023 देश के लिए कई मायनो में खास रहा है। इस साल ने देश को कुछ मीट्ठे तो कुछ खट्टे पलों का स्वाद चखा है। वहीं, कुछ पल ऐसे भी रहे जो लंबे समय तक के लिए सुर्खियों का हिस्सा बन गए।

इन्हीं में से एक उत्तरप्रदेश के गैंगस्टर और फिर संसद बने अतीक अहमद और उसके भाई असरफ अहमद की पुलिस सुरक्षा के बीच हत्या का मामला रहा। जो काफी लंबे समय के लिए सुर्खियों का हिस्सा रहा, और शायद भविष्य में एक उद्हारण के तौर पर भी याद रखा जाए।

उमेश पाल की हत्या के बाद गर्माया मामला

24 फरवरी को प्रयागराज की सड़कों पर दिनदहाड़े उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी। इस हत्या के पीछे अतीक अहमद ने फरमान जारी किया था। उमेश पाल हत्याकांड का सीसीटीवी फुटेज देखकर हर कोई हैरान था। इस हत्य के बाद पुलिस ने एक्शन लेते हुए 27 फरवरी को अतीक अहमद के करीबी अरबाज को मार गिराया। जिसके बाद 6 मार्च को विजय चौधरी और 13 अप्रैल को अतीक के बेटे असद अहमद और आरोपी गुलाम का एनकाउंटर कर दिया।

15 अप्रैल को हुई अतीक की हत्या

इसी केस के चलते माफिया अतीक अहमद और उसके भाई को गुजरात की सावरमति जेल से प्रयागराज लाया गया था। वहीं, एक दिन पहले बेटे के एनकाउंटर से दुखी अतीक अहमद और उसके भाई की 15 अप्रैल की रात लाइव टीवी पर हत्या कर दी गई। जिस वक्त माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ हत्या की गई उस वक्त उसे प्रयागराज के एक मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए ले जाया जा रहा था। लाइव टीवी अतीक और अशरफ जब पत्रकारों से बात कर रहे थे, तभी तीन आरोपियों ने दोनो पर गोलियां दागनी शुरु कर दी, और दोनो की ही मौके पर मौत हो गई।

योगी सरकार की कानून-व्यवस्था पर उठे सवाल

इस घटना के बाद से उत्तरप्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार पर कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े होने लगे। वहीं अतीक अहमद के हत्यारें अरुण मौर्य, लवलेश तिवारी और सनी सिंह के खिलाफ पुलिस ने तुरंत कर्रवाही की और उन्हें गिरफ्तार करते हुए, कुछ दिनों बाद 2,056 पन्नों की चार्जशीट आदालत में दाखिल की।

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