Lok Sabha Results: चुनावी नतीजों पर उमड़ी पाकिस्तानी नेताओं की खुशी, पीएम मोदी के खिलाफ कही ये बात-Indianews
India News(इंडिया न्यूज), Lok Sabha Results: भारत के लोकसभा चुनाव के परिणाम सभी के सामने आ चुके हैं। बहुमत में एनडीए सरकार है लेकिन ये जीत जीत की तरह मनाई नहीं गई और ये तनिक निराशाजनक साबित पड़ी। इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी का अबकी बार 400 पार वाला नारा भी फ्लॉप होता नजर आया। लेकिन इन नतीजों से केवल विपक्षी दल ही नहीं बल्कि पाकिस्तान के नेता भी बहुत ही खुश हुए हैं। जाहिर सी बात है पाकिस्तान को दूसरे मुल्कों की राजनीति में ज्यादा दिलचस्प हमेशा से ही रहा है और एक बार फिर भारत के मामले में उसने अपनी टांग अड़ाई है। आइए इस खबर में हम आपको बताते हैं कि एनडीए की जीत पर पाकिस्तानी नेताओं का क्या बयान आया है।
भारत में हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों के लेकर पाकिस्तान आंख लगाए बैठा रहा। पाकिस्तान के अखबार ‘डॉन’ की बेवसाइट पर भारत के चुनाव को बड़ी कवरेज दी गई। डॉन के एक एक लेख में कहा गया कि भारत में वोटों की गिनती में पीएम मोदी का गठबंधन आश्चर्यजनक रूप से मामूली अंतर से जीता है। भाजपा की अयोध्या में ही हार हो गई, जहां राम मंदिर का उद्घाटन किया गया था। वहीं लेख में राहुल गांधी के बयान को प्रमुखता दी गई कि, मतदाताओं ने भाजपा को दंड दिया है। डॉन ने यह भी कहा कि मोदी के हिंदू राष्ट्रवादियों की तीसरी बार जीत से भारत के मुसलमानों में डर फिर बढ़ेगा।
पाकिस्तानी नेताओं की खुशी का ठिकाना नहीं
यह तो बात रही मीडिया की, भाजपा अकेले दम पर बहुमत आंकड़ा पार नहीं कर पाई तो सबसे ज्यादी खुश पाकिस्तानी नेता नजर आए। 2019 के मुकाबले भाजपा की सीटें घटने पर पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार में मंत्री रहे फवाद चौधरी ने खुशी जताई। फवाद ने कहा कि उनको उम्मीद थी कि भारत की जनता नरेंद्र मोदी और उनकी विचारधारा को खारिज करेगी। यही हुआ है, जो दावे भाजपा को लेकर किए गए थे, वो फेल हो गए।
फवाद चौधरी पाकिस्तान के उन नेताओं में शामिल हैं, जिनकी ओर से भारत के चुनाव पर लगातार बयान दिए गए हैं। उन्होंने बार-बार भारत के लोगों से नरेंद्र मोदी को हराने की अपील की थी। फवाद ने चुनावों के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अच्छा नेता बताया था। भारत के चुनावों पर बयानबाजी की वजह पूछने पर चौधरी ने कहा था कि पाकिस्तानी राहुल को पीएम देखना चाहते हैं क्योंकि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत बहुसंख्यकवाद पर बढ़ रहा है। ये भारत और उसके पड़ोसियों के लिए अच्छा नहीं है। ऐसे में हमें चाहिए कि राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी में से जो भी नरेंद्र मोदी को हराए, उसका हमें सपोर्ट करना चाहिए।