India News (इंडिया न्यूज),Bengal Politics: पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने सोमवार को कालीघाट मंदिर में पूजा की। इसके बाद उन्होंने कोलकाता की सड़कों पर सद्भावना रैली निकाली। मंदिर के अलावा वह मस्जिद और चर्च भी गईं। इससे पहले रैली में उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी पर राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाते हुए हमला बोला। इसके बाद टीएमसी सुप्रीमो ने भारत के गठबंधन सहयोगी कांग्रेस और सीपीआई (एम) आई पर जमकर निशाना साधा। ममता बनर्जी ने साफ कर दिया कि वह पश्चिम बंगाल में सीटों का बंटवारा अपनी शर्तों पर ही करेंगी। ममता बनर्जी सीपीआई (एम) के लिए एक भी सीट छोड़ने के मूड में नहीं हैं।

जानिए ममता ने क्या कहा?

मैंने विपक्षी गठबंधन का नाम भारत रखा था। लेकिन यह देखना दुखद है कि सीपीआई (एम) भारत की बैठकों को नियंत्रित करती है। मैं उन लोगों के साथ कैसे रह सकता हूं जिनके खिलाफ मैंने 34 साल तक संघर्ष किया है? सीट बंटवारे पर कुछ लोग हमारी बात सुनने को तैयार नहीं हैं। राज्य में जो भी सत्ता में है, उसे सीट बंटवारे पर फैसला लेने का अधिकार है।

क्या चाहती हैं टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी?

पार्क सर्कस मैदान में आयोजित रैली में टीएमसी प्रमुख ने राम मंदिर के बहाने कांग्रेस नेताओं को घेरा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी से लड़ने का क्या साहस दिखाया है? टीएमसी में बीजेपी से लड़ने की ताकत है। 1992 के बाबरी विध्वंस पर चर्चा करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि पहले भी कांग्रेस के किसी नेता ने सड़क पर उतरने की हिम्मत नहीं दिखाई और न ही अब विरोध कर रहे हैं। टीएमसी सुप्रीमो ने दावा किया कि 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद कोलकाता में दंगे हुए थे। उस समय उन्होंने सांप्रदायिक सद्भाव की बहाली सुनिश्चित करने के लिए तत्कालीन सीएम ज्योति बसु से संपर्क किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और सीपीआई (एम) सीटों पर अनुचित दावे करके भाजपा का समर्थन कर रहे हैं। ममता का दावा है कि बंगाल में बीजेपी को सिर्फ टीएमसी ही रोक सकती है, इसलिए सीट बंटवारे पर उनकी राय मानी जानी चाहिए।

टीएमसी ने कांग्रेस को दो सीटों की पेशकश दी

टीएमसी ने कांग्रेस को केवल दो सीटें, मालदा दक्षिण और बेरहामपुर की पेशकश की थी। 2019 के चुनाव में कांग्रेस ने ये दोनों सीटें अपने दम पर जीती थीं। कांग्रेस टीएमसी से पांच सीटें मांग रही है। इसके अलावा वह सीपीआई (एम) को दो-तीन सीटें देने की भी वकालत कर रही है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी पहले ही टीएमसी के ऑफर को खारिज कर चुके हैं। तृणमूल कांग्रेस ने मुकुल वासनिक और अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली पांच सदस्यीय कांग्रेस कमेटी से सीट बंटवारे पर बात करने से इनकार कर दिया है। टीएमसी ने साफ कर दिया है कि वह पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को सिर्फ दो सीटें देगी। 2019 के चुनाव में टीएमसी ने 22 सीटें जीती थीं जबकि बीजेपी 18 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। सीपीआई (एम) को एक भी सीट नहीं मिली।

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