लोकसभा चुनाव 2024

यूपी तीसरा चरण: बेहतर कीमत के चलते आलू बेल्ट में किसानों की बदहाली मुद्दा नही

India News (इंडिया न्यूज), अजय त्रिवेदी, लखनऊ: उत्तर प्रदेश में तीसरे चरण के चुनाव में लोकसभा की दस सीटों में अधिकांश आलू उत्पादन के लिए मशहूर हैं। इन दस लोकसभा सीटों में से आधे को आलू बेल्ट कहा जाता है और बीते कई चुनावों में उठता रहा आलू किसानों का मुद्दा इस बार भी चर्चा जरुर है पर उतनी प्रमुखता से नहीं। तीसरे चरण की दस सीटों में संभल, हाथरस, आगरा, फतेहपुर सीकरी, फिरोजाबाद, मैनपुरी, बदांयू, आंवला और बरेली शामिल हैं। इनमें से हाथरस, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा और फतेहपुर सीकरी में आलू की भरपूर पैदावार होती है और अक्सर सीजन में दाम न मिलने पर सड़कों पर आलू फेंकने की तस्वीरें इन्ही क्षेत्रों में नजर आती है। हाथरस और आगरा आलू की बड़ी मंडी है तो फिरोजाबाद, फेतहपुर सीकरी, मैनपुरी और एटा में बड़ी तादाद में किसान आलू की खेती करते हैं। प्रदेश के कुल आलू उत्पादन का एक तिहाई इन्ही जिलों में होता है।

बीते बीस सालों से इस बेल्ट में आलू के लिए खाद्य प्रसंस्करण इकाई ओर आलू से वोदका बनाने का कारखाना लगाने का मुद्दा जोर-शोर से चुनावी रैलियों में उठाया जाता रहा है। हर सरकार में आलू किसानों की दशा सुधारने का वादा करने वाले राजनैतिक दलों ने प्रसंस्करण इकाई और वोदका का कारखाना लगाने की बात कही है। हालांकि जमीन पर इनमें से कुछ भी नहीं हुआ है। आगरा में कारोबारी विजय चतुर्वेदी बताते हैं कि खाद्य प्रसंस्करण इकाई लगाने को लेकर इस बार भी स्थानीय नेता वादे कर रहे हैं और आस-पास के जिलों में भी यह कहा जा रहा है। उनका कहना है कि मथुरा में जरुर पेप्सिको ने संयंत्र लगाया है पर उसका कोई खास लाभ फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा या हाथरस के किसानों को नहीं हो रहा है।

Rupali Ganguly: वेट्रेस से बनी कलाकार अब राजनीतिक दुनिया में रखा कदम, जानें रूपाली गांगुली का कैसा रहा अबतक सफर

हाथरस में आलू के आढ़ती बालकिशन का कहना है कि संयोग से इस बार चुनाव के सीजन में दाम अच्छे मिल रहे हैं पर कोल्ड स्टोरों में भंडारण की समस्या बनी हुयी है। कोल्ट स्टोर अपनी क्षमता का 75 फीसदी ही चल रहे हैं साथ ही पुराना माल निकाला नही गया है तो किसानों के सामने भंडारण की दिक्कत है। फिर भी बढ़ी मांग और बाहरी आवक में कमी के चलते इस बार पहले के सालों के मुकाबले दाम ठीक मिल रहा है तो आलू किसानों की नाराजगी उस स्तर पर देखने को नहीं मिल रही है।

Prajwal Revanna Case: सेक्स टेप कांड आरोपों पर प्रज्वल रेवन्ना का पहला रिएक्शन, जानें क्या कहा

फतेहपुर सीकरी में आलू की खेती के साथ ही खरीद का काम करने वाले उपेंद्र सिंह कहते हैं कि स्थानीय सांसद किसानों के भी नेता हैं और सत्तारूढ़ पार्टी के किसान मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी पर यहां कोई आलू के लिए फैक्ट्री नहीं लग पायी है। उनका कहना है कि सीजन शुरु होते ही आलू के दाम औंधे मुंह गिरते हैं क्योंकि उस समय किसानों के पास भंडारण या सही जगह माल बेंचने की सुविधा नहीं रहती है। आढ़ती बालकिशन के मुताबिक इस बार दाम अच्छे मिलने के चलते आलू सड़कों पर फेंकने की नौबत नहीं आयी है और आगे भी कीमतों के ऊंची बने रहने के आसार हैं लिहाजा चुनाव में इसको लेकर ज्यादा दावे और वादे भी नहीं हो रहे हैं।

Sailesh Chandra

Recent Posts

संभल हिंसा को लेकर कांग्रेस नेता धरने पर उतरे, सुप्रीम कोर्ट से की ये बड़ी मांग

 India News(इंडिया न्यूज) Sambhal violence: यूपी के  संभल हिंसा में मारे गए लोगों के प्रति…

3 minutes ago

Delhi Election 2025: दिल्ली चुनाव को लेकर AAP का बड़ा दांव, बुजुर्गों के लिए अरविंद केजरीवाल का तोहफा

India News (इंडिया न्यूज),Delhi Election 2025: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुजुर्गों को बड़ी…

4 minutes ago

बिहार विधानसभा सत्र में अशोक चौधरी ने विपक्ष को घेरा, पढ़िए पूरी बयानबाजी

India News (इंडिया न्यूज), Assembly session: बिहार विधानसभा के सत्र के पहले दिन जदयू नेता…

6 minutes ago

Hindu Ekta Yatra: प्रहलाद पटेल का बड़ा बयान, ‘हिंदू राष्ट्र की मांग पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए’

India News MP (इंडिया न्यूज़),Dhirendra Shastri Yatra: मध्य प्रदेश में चल रही बाबा बागेश्वर की…

10 minutes ago