India News (इंडिया न्यूज़),10th International Forest Fair: भोपाल के लाल परेड मैदान में आयोजित 10वें अंतर्राष्ट्रीय वन मेले का समापन बड़े उत्साह के साथ हुआ। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने मेले में प्रदर्शित उत्पादों और जड़ी-बूटियों का अवलोकन किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि यह मेला वनों और वन उत्पादों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के साधनों को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण मंच है। मंत्री सारंग ने बताया कि मेले के जरिए लघु वनोपजों के संग्रहण और विक्रय के नए अवसर उत्पन्न होते हैं, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में सहायक हैं।

आयुर्वेद और भारतीय परंपरा का उत्सव

मेले में वैद्यों द्वारा आयुर्वेदिक ज्ञान साझा किया गया और वन से प्राप्त जड़ी-बूटियों को प्रदर्शित किया गया। मंत्री सारंग ने भारतीय परंपरा में प्रकृति के साथ संतुलन और सहकार के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि साल 2025 को अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस के रूप में मनाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सहकार आंदोलन के जरिए सशक्त समाज के निर्माण का प्रयास किया जाएगा।

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प्रकृति संरक्षण और वनोपज का महत्व

उच्च शिक्षा एवं आयुष मंत्री इंदर सिंह परमार ने इस मेले को भारतीय सभ्यता और ज्ञान परंपरा को आगे बढ़ाने का उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि वनोपज पर आधारित आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति भारतीय जीवनशैली का अहम हिस्सा है। परमार ने यह भी कहा कि प्रकृति संरक्षण के लिए हमारे पूर्वजों ने परंपराएं और मान्यताएं स्थापित की थीं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आयुर्वेद को जन-आंदोलन का रूप दिया जा रहा है, जिससे यह प्राचीन चिकित्सा पद्धति फिर से लोकप्रिय हो रही है।

आयुर्वेद और सहकार के साथ सशक्त भविष्य का निर्माण

मंत्री सारंग और परमार ने इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि यह मेला केवल प्रदर्शन तक सीमित नहीं है, बल्कि सतत विकास, संरक्षण, और समृद्धि की नई राहें खोलता है।

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