Hindi News / Madhya Pradesh / 3 Day Holy River Festival Started Foreigners Were Mesmerized By Puppetry Cultural Evening Was Decorated With Kabir Bhajans And Kathak

3 दिवसीय पवित्र नदी महोत्सव का हुआ आगाज़, कठपुतली कला से विदेशी हुए मंत्रमुग्ध,कबीर भजनों और कथक से सजी सांस्कृतिक शाम

India News (इंडिया न्यूज), MP Sacred River Festival:देवी श्री अहिल्या बाई होलकर मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय ‘पवित्र नदी महोत्सव’ अपनी सांस्कृतिक भव्यता से दर्शकों को मोहित कर रहा है। दूसरे दिन की शुरुआत रेवा सोसाइटी प्रांगण में कठपुतली कला से हुई, जिसने विदेशी दर्शकों को भी मंत्रमुग्ध कर दिया। आदिवासी […]

BY: Harsh Srivastava • UPDATED :
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India News (इंडिया न्यूज), MP Sacred River Festival:देवी श्री अहिल्या बाई होलकर मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय ‘पवित्र नदी महोत्सव’ अपनी सांस्कृतिक भव्यता से दर्शकों को मोहित कर रहा है। दूसरे दिन की शुरुआत रेवा सोसाइटी प्रांगण में कठपुतली कला से हुई, जिसने विदेशी दर्शकों को भी मंत्रमुग्ध कर दिया।

आदिवासी लोककला और कबीर भजनों की गूंज

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गुरु गणपत मसगे और उनकी 11 सदस्यीय टीम (पिंगूली गांव, महाराष्ट्र) ने महाभारत कालीन युद्ध के बाद की कथा ‘सौरी भीषण’ प्रस्तुत की। यह कला ठाकर समुदाय की 12 लोक कलाओं में से एक है, जिसे पहली बार निमाड़-मालवा में प्रदर्शित किया गया। इसके बाद पद्मश्री कालूराम बामनिया ने अपनी कबीर भजनों की प्रस्तुति से माहौल को आध्यात्मिक बना दिया। उन्होंने ‘गुरु गम का सागर तमने लाख-लाख वंदन’, ‘मन लगा यार मेरा फकीरा’, ‘अब तो जाग मुसाफिर’ जैसे प्रसिद्ध भजन गाए। उनके साथ राम प्रसाद परमार (हारमोनियम), दीपक नेमा (ढोलक), सज्जन परमार (नगाड़ा) और उत्तम सिंह बामनिया सहगायक के रूप में थे।

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पहले दिन गजलों और कथक ने मोहा मन

गुरुवार को पहले दिन की शुरुआत सुप्रसिद्ध गजलकार जितेंद्र सिंह जामवाल की गजलों से हुई। इसके बाद प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना गुरु ज्योत्सना सोहनी ने अपनी टीम के साथ शिव स्तुति ‘शंकर महादेव देवम जय-जय गिरिजा पति’ और बिंदादिन महाराज की ठुमरी ‘सब बन ठन आई’ पर मनमोहक नृत्य प्रस्तुति दी।

समापन समारोह में वायलिन वादन और मैहर बैंड की प्रस्तुति

शनिवार, 8 फरवरी को महोत्सव के अंतिम दिन प्रसिद्ध वायलिन वादिका अनुप्रिया देवताले अपनी प्रस्तुति देंगी, जबकि समापन समारोह की अंतिम प्रस्तुति सुप्रसिद्ध मैहर बैंड की होगी। इस महोत्सव में देश-विदेश से आए कलाकारों और दर्शकों की उपस्थिति ने इसे एक ऐतिहासिक सांस्कृतिक आयोजन बना दिया है।

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MP Sacred River Festival

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