India News (इंडिया न्यूज), MP News; गणतंत्र दिवस 2025 के ऐतिहासिक मौके पर देशभर के पुलिस, होमगार्ड, अग्निशमन, नागरिक सुरक्षा और सुधार सेवाओं के 942 कर्मियों को वीरता सेवा पदक से सम्मानित किया जाएगा। 101 कर्मियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक, जबकि 746 को सराहनीय सेवा के लिए पदक प्रदान किया जाएगा। मध्य प्रदेश के चार अधिकारी इस गर्वपूर्ण सूची में शामिल हैं।

भोपाल के दो हीरो

भोपाल के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) शैलेंद्र सिंह चौहान और इंस्पेक्टर मनोज बेस इस प्रतिष्ठित सम्मान के लिए चयनित हुए हैं। शैलेंद्र सिंह चौहान का करियर बहादुरी और उत्कृष्ट सेवा की मिसाल है।

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साइबर अपराध से लेकर आतंकी मुठभेड़ तक का सफर

फरवरी 2000 में पुलिस सेवा में शामिल हुए शैलेंद्र सिंह ने भोपाल-इंदौर क्षेत्र में कई अहम केस सुलझाए हैं। 2016 में सिमी आतंकवादियों के जेल ब्रेक कांड में उनकी टीम ने सभी 8 आतंकियों को मुठभेड़ में मार गिराया। साइबर क्राइम के एसपी रहते हुए उन्होंने नाइजीरियाई गिरोह का भंडाफोड़ कर 50 लाख रुपये के हैकिंग घोटाले का पर्दाफाश किया। नवरात्रि उत्सव के दौरान दो मासूम बच्चियों के अपहरण केस में चौहान ने मानव तस्करी गिरोह को नेस्तनाबूद कर 5 बच्चियों को बचाया। उन्हें “रुस्तम जी अवार्ड” से सम्मानित किया जा चुका है।

मनोज बेस: कंट्रोल रूम के चट्टान

1992 में फोर्स ज्वाइन करने वाले इंस्पेक्टर मनोज बेस ने भोपाल, इंदौर और उज्जैन में अपनी सेवाएं दी हैं। सीसीटीवी सर्विलांस के जरिए उन्होंने कई अपराधियों को गिरफ्तार किया। राष्ट्रपति पदक से सम्मानित होने पर उन्होंने इसे पुलिस और जनता के बीच मजबूत रिश्ता बनाने की दिशा में मील का पत्थर बताया। इन वीर पुलिस अधिकारियों की कहानियां न केवल प्रेरणादायक हैं, बल्कि यह दिखाती हैं कि कर्तव्यपरायणता और साहस का कोई विकल्प नहीं है। गणतंत्र दिवस पर इनकी वीरता को सलाम!