India News(इंडिया न्यूज़),Ujjain Holi 2025: होली! ये वो त्योहर है जिसके आने से पूरे देश में खुशहाली छा जाती है। हर तरफ रंगों की बौछार और हजारों चेहरों पर मुस्कान देखने को मिली है। वाहन अगर बात की जाए महाकाल नगरी उज्जैन की तो यहाँ की होली की बात ही कुछ और है। रंगों का त्यौहार होली पूरे देश में उल्लास और भक्ति के साथ मनाई जाती है।धार्मिक नगरी उज्जैन में यह त्यौहार सिर्फ रंगों की बौछार से ही नहीं बल्कि अलग ही अंदाज में मनाई जाती है। दरअसल महाकाल नगरी में भगवान शिव की प्रिय बूटी यानी भांग की बिक्री इतनी बढ़ जाती है जिसका अंदाजा भी लगाना मुश्किल है।

  • महाकाल की नगरी में भांग क्यों है अहम
  • महानगरी में भांग की बढ़ती बिक्री

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महाकाल की नगरी में भांग क्यों है अहम

जैसा की आप सभी जानते हैं कि उज्जैन भगवान महाकाल की नगरी है, ऐसे में उज्जैन में भांग का होना भी अनिवार्य है। आपकी जानकारी के लिए बता दें भांग इसलिए भी जरूरी है क्यूंकि भगवान महाकाल के श्रृंगार के दौरान इसका इस्तेमाल किया जाता है, जिसके कारण यह परंपरा कई ज्यादा अहम है। वहीँ होली के मौके पर हजारों श्रद्धालु भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेने उज्जैन पहुंचते हैं और प्रसाद के रूप में भांग का सेवन भी करते हैं। इसलिए यहाँ की होली काफी खास और धार्मिक मानी जाती है।

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महानगरी में भांग की बढ़ती बिक्री

दरअसल होली के मौके पर उज्जैन में भांग की बिक्री रंगों से ज्यादा होती है। जी हाँ उज्जैन में भांग की लोकप्रियता इतनी अधिक है कि इसकी मांग पूरे देश में है। स्थानीय व्यापारी सतनारायण यादव के अनुसार होली के दौरान भांग की बिक्री सामान्य दिनों की तुलना में 10 गुना से भी अधिक बढ़ जाती है। भांग की मांग खास तौर पर ठंडाई के रूप में होती है, जिसमें काजू, बादाम, पिस्ता और अन्य सूखे मेवे डालकर इसे और अधिक स्वादिष्ट बनाया जाता है।

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