India News (इंडिया न्यूज), Anshu Suicide Case: मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम जिले के इटारसी की रहने वाली होनहार छात्रा अंशु मलैया ने 4 फरवरी को आईआईटी रुड़की के हॉस्टल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। शुरुआत में कम नंबर आने को कारण बताया गया, लेकिन परिवार को इसमें कुछ और ही साजिश नजर आ रही है। अंशु के माता-पिता जब रुड़की पहुंचे, तो उन्होंने उसके दोस्तों से बातचीत की। पता चला कि आत्महत्या से पहले उसका अपने दोस्त विवेक से झगड़ा हुआ था।

मोबाइल तलाशने में लगा दोस्त

घटना के बाद विवेक अंशु का मोबाइल तलाशने में लगा था। वह अन्य छात्राओं और पुलिस अधिकारियों से हाथ जोड़कर उसका मोबाइल मांग रहा था। परिवार को अंशु की डायरी के फटे हुए पन्ने भी मिले, जिससे उन्हें शक हुआ कि उनकी बेटी पर किसी तरह का मानसिक दबाव था।

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विवेक को आ रहे थे पैनिक अटैक

जब परिवार ने विवेक से बातचीत की तो उसने बताया कि सुसाइड से कुछ समय पहले ही उसकी अंशु से बहस हुई थी। वह काफी गुस्से में थी और पैनिक हो गई थी। विवेक ने यह भी कहा कि अगर उसे 10-15 मिनट और मिल जाते तो शायद अंशु आत्महत्या नहीं करती। सुसाइड के बाद विवेक काफी घबराया हुआ था। उसने 8-9 मार्च को अपने माता-पिता को फोन कर बताया कि उससे बहुत बड़ी गलती हो गई है। उसे किसी गलत कदम से बचाने के लिए कॉलेज प्रबंधन ने उसे हॉस्टल से निकालकर दिल्ली भेज दिया।

वॉट्सएप चैट से हुआ खुलासा

जब अंशु का मोबाइल परिवार को मिला तो उसमें विवेक और अंशु के बीच वॉट्सएप पर बहस देखने को मिली। चैट में दोनों एक-दूसरे को ब्लेम कर रहे थे। ऐसा लग रहा था कि किसी बात को लेकर अंशु पर दबाव बनाया जा रहा था, जिससे वह मानसिक तनाव में थी।

परिवार ने वापस ली शिकायत

अंशु के माता-पिता का कहना है कि उनके पास कोई ठोस सबूत नहीं था, इसलिए वे केस को आगे नहीं बढ़ाना चाहते थे। उन्होंने यह भी कहा कि वे किसी और परिवार को अपने जैसा दुख नहीं देना चाहते। इसलिए उन्होंने शिकायत वापस ले ली, ताकि विवेक कोई गलत कदम न उठा ले।

पिता ने छोड़ी नौकरी

अंशु की मौत के बाद उसके पिता मुकेश मलैया ने नौकरी छोड़ दी। वे अब परिवार के साथ ही रहना चाहते हैं। अंशु की छोटी बहन भी IIT की तैयारी कर रही थी, लेकिन इस घटना के बाद उसने पढ़ाई बंद कर दी।

 

विधायक ने की जांच की मांग

 

नर्मदापुरम के विधायक सीतासरन शर्मा ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को पत्र लिखकर मामले की गहराई से जांच कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि अंशु पढ़ाई में बहुत होनहार थी, उसकी आत्महत्या की असली वजह सामने आनी चाहिए। उत्तराखंड पुलिस ने आश्वासन दिया कि वे मामले की आगे जांच करेंगे।

आत्महत्या में कई सवाल खड़े

अंशु मलैया की आत्महत्या कई सवाल खड़े करती है। क्या यह सिर्फ परीक्षा में कम नंबर आने का दबाव था या फिर दोस्ती में हुआ झगड़ा? क्या कोई और कारण था, जो उसे इस कदम तक ले गया? पुलिस की जांच से ही सच सामने आ पाएगा। लेकिन यह घटना एक बार फिर छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और संस्थानों में उचित काउंसलिंग की जरूरत को दर्शाती है।

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