इंडिया न्यूज, भोपाल:
आपने कभी जीवित व्यक्तियों का श्राद्ध होते देखा है क्या, लेकिन भोपाल में कुछ वृद्ध अपने बच्चों से इतने हताहत हैं कि उन्होंने जीते जी अपना Shradh स्वयं किया। जी हां! हम बात कर रहे हैं उन बुजुर्गों की जो शहर के विभिन्न वृद्धाश्रमों में अपना अंतिम समय बिता रहे हैं। अपने बच्चों से धोखा खा चुके कई बुजुर्ग इस पितृपक्ष में अपना ही पिंडदान कर रहे हैं। अपना घर के ही चार बुजुर्ग स्वयं ही अपना श्राद्ध और पिंडदान कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार अपना घर वृद्धाश्रम में रह रहे बुजुर्ग प्रेम नारायण सोनी (78), अजय गौड़ (80), सुधीर मोहलकर (65) और किशन बत्रा (85) अपना ही श्राद्ध और पिंडदान कर रहे हैं।
प्रेमनारायण सोनी बताते हैं कि जिस बेटे पर गर्व करता था, उसने ही तिरस्कार कर दिया। शादी के बाद उसके तेवर बदल गए। उसकी कई यातनाओं से तंग आकर इन आदतों ने मुझे घर से निकलने के लिए मजबूर कर दिया। इतना दुखी हूं कि मुझे जीते जी अपना Shradh और पिंडदान करना पड़ गया।
अजय गौड़ बताते हैं कि जब खुद के बारे में सोचते हैं तो एक ही सवाल बार-बार सामने आता था कि हमारे मरने के बाद श्राद्ध और पिंडदान कौन करेगा। यही सोचकर जीते जी अपना Shradh और पिंडदान कर रहे हैं। इसके अलावा किशन बत्रा और सुधीर मोहलकर ने भी अपना इसी तरह का दर्द बयां किया है।