India News (इंडिया न्यूज), Bhopal City ​​Buses: मध्य प्रदेश के भोपाल का सार्वजनिक परिवहन सिस्टम, भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (BCLL ), अब पूरी तरह से बेपटरी हो चुका है। वर्ष 2010 में शुरू हुई यह सेवा आज अपनी बदहाली का शिकार है। बीसीएलएल के पास कुल 300 बसें हैं, लेकिन इनमें से 65 बसें पूरी तरह कंडम हो चुकी हैं। वहीं, 149 बसें तकनीकी खराबियों के कारण बंद पड़ी हैं। वर्तमान में केवल 86 बसें ही संचालित हो रही हैं, जो 24 लाख की आबादी के लिए अपर्याप्त हैं।

यात्रियों को हो रही समस्याएं

बसों की कमी के कारण भोपाल के यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। खासतौर पर स्टूडेंट्स, नौकरीपेशा लोग, महिलाएं और बुजुर्ग सबसे अधिक प्रभावित हैं। बसों की संख्या कम होने के कारण यात्रियों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। मजबूरी में लोगों को महंगे बैटरी रिक्शा और निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ता है। इससे न केवल आर्थिक बोझ बढ़ रहा है, बल्कि सुरक्षा संबंधी चिंताएं भी सामने आ रही हैं।

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नगर निगम का रुख

नगर निगम की बैठकों में इस समस्या को लेकर चर्चाएं हो रही हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है। नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने जनता को आश्वस्त करते हुए कहा है कि जनता की सुविधाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने अधिकारियों के अहंकारी रवैये की निंदा करते हुए कहा कि जनता की समस्याओं को हल करने के लिए मुख्यमंत्री से चर्चा की जाएगी।

सबसे अधिक प्रभावित इलाके

भोपाल के नर्मदापुरम रोड, कोलार, कटरा, कोटरा, न्यू मार्केट, एमपी नगर, सुभाष नगर, अशोका गार्डन, चुनाभट्टी, बैरागढ़, आनंद नगर और रायसेन रोड जैसे इलाके सिटी बसों की कमी से सबसे अधिक प्रभावित हैं। इन इलाकों में सार्वजनिक परिवहन के सीमित साधनों के कारण लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

समस्या का समाधान जरूरी

भोपाल की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को जल्द ही सुधारने की आवश्यकता है। बसों की संख्या बढ़ाने और तकनीकी खराबियों को ठीक करने के साथ प्रशासन को ठोस कदम उठाने चाहिए। यह न केवल यात्रियों की सुविधा के लिए आवश्यक है, बल्कि शहर के यातायात और पर्यावरण को संतुलित रखने में भी मदद करेगा।

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