India News (इंडिया न्यूज़), Damoh News: मध्यप्रदेश के दमोह जिले सूखा गांव के शासकीय मिडिल स्कूल में छात्रों से बाथरूम की सफाई कराई जा रही है। ऐसा आरोप बच्चों के परिजनों ने लगाया है। वहीं, स्कूल में पढ़ाई भी नहीं होती, और छठवीं क्लास के बच्चों को ठीक से लिखना भी नहीं आता।
स्कूल में पढ़ाई तक नहीं होती
राज्य के दमोह जिले के सूखा गांव के शासकीय मिडिल स्कूल के बच्चों से बाथरूम की सफाई करवाई जा रही है, तो वहीं, ऐसा आरोप बच्चों के परिवार वालों ने लगाया है। बच्चे के परिजनों का कहना है कि पढ़ाई तो कुछ भी होती नहीं, और स्कूल में बस साफ़-सफाई का काम रह गया है। वहीं, शिक्षक इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। बीआरसी का कहना है कि ऐसा नहीं होना चाहिए, मामले की जांच करवाएंगे।
छात्रों के परिजन नन्हे लाल अहिरवार ने बताया कि उनके दो बच्चे हैं, एक पांचवी कक्षा में पढ़ता है व दूसरा छठी क्लास में है। वहीं, स्कूल में पढ़ाई तक नहीं होती है, और छठी क्लास के बच्चों को तो ठीक से लिखना तक नहीं आता है। जब उन सब से पूछो तो वह कहते हैं कि स्कूल में पढ़ाई नहीं होती। तो वहीं, अब बच्चों से बाथरूम की सफाई तक कराई जा रही है।
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बीआरसी जितेंद्र जैन ने कहा
बहरहाल, इस सिलसिले में पथरिया के बीआरसी जितेंद्र ने बताया कि विद्यालय में अध्यापक नियमित रूप से क्यों नहीं पहुंच प् रहे हैं, तो वहीं, जिसकी जानकारी ऑनलाइन फीडिंग से निकाली जाने वाली है। आगे कहा कि स्कूल में नियमित तरिके से सभी बच्चों की पढ़ाई होनी चाहिए। वहीं, स्कूल के बच्चों से बाथरूम साफ करवाने की, तो ऐसा दुबारा नहीं होना चाहिए।
वहीं, उन्होंने इसपर आगे कहा कि अगर बच्चे किसी स्वच्छता अभियान के लिए साफ-सफाई करते हैं तो वो बात अलग है, मगर विद्यालय में इस तरह से टॉयलेट साफ करवाना बिलकुल गलत काम है। मैं अभी जन शिक्षकों को वहां भेजकर इस मामले की जांच भी करवाऊंगा व जो भी इसके दोषी पाए जायेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को प्रतिवेदन भी भेजा जाएगा।
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