India News (इंडिया न्यूज), MP News: विजयपुर उपचुनाव में वन मंत्री रामनिवास रावत को हराकर विधायक बने कांग्रेस नेता मुकेश मल्होत्रा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। ग्वालियर हाईकोर्ट ने उन्हें चुनावी हलफनामे में आपराधिक मामलों की जानकारी छिपाने के आरोप में नोटिस जारी किया है। पूर्व मंत्री रामनिवास रावत ने उनकी जीत को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें उपचुनाव को शून्य घोषित करने की मांग की गई है।
क्या है मामला?
श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक मुकेश मल्होत्रा पर आरोप है कि उन्होंने चुनावी शपथ पत्र में आपराधिक मामलों का जिक्र नहीं किया। याचिका में दावा किया गया है कि मुकेश मल्होत्रा पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें 6 महीने की जेल की सजा भी शामिल है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत चुनावी हलफनामे में सभी मामलों की जानकारी देना अनिवार्य है, लेकिन याचिका में कहा गया है कि मल्होत्रा ने ऐसा नहीं किया।
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हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस
पूर्व मंत्री रामनिवास रावत द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए ग्वालियर हाईकोर्ट ने न केवल मुकेश मल्होत्रा को, बल्कि उपचुनाव में खड़े 11 अन्य उम्मीदवारों को भी नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट ने सभी से तीन सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। रावत ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन बताया और हाईकोर्ट से उपचुनाव को रद्द करने की अपील की है।
क्या चुनाव होंगे शून्य?
यह उपचुनाव रामनिवास रावत के इस्तीफे के बाद हुआ था। 13 नवंबर को मतदान और 23 नवंबर को परिणाम घोषित हुए थे, जिसमें मुकेश मल्होत्रा ने रावत को 7,000 वोटों के अंतर से हराया था। हार के बाद रावत ने चुनाव प्रक्रिया को चुनौती देते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अब सवाल उठ रहा है कि क्या विजयपुर का यह उपचुनाव शून्य घोषित होगा। यदि हाईकोर्ट ने आरोपों को सही माना, तो न केवल मल्होत्रा की सदस्यता खतरे में पड़ सकती है, बल्कि विजयपुर में फिर से चुनाव कराने की नौबत आ सकती है।