India News (इंडिया न्यूज),Dengue in MP: मध्य प्रदेश में डेंगू का प्रकोप तेज़ी से बढ़ रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, सितंबर और अक्टूबर में डेंगू के मामलों में और वृद्धि होने की संभावना है, क्योंकि मौसम खुलने के बाद मच्छरों की संख्या बढ़ी है। राज्य में जुलाई में 505 मामले सामने आए थे, जो अगस्त में बढ़कर 950 हो गए। सितंबर के पहले आठ दिनों में ही यह संख्या 600 के पार हो चुकी है, जिससे प्रदेश में डेंगू की स्थिति गंभीर हो गई है।
डेंगू से तीन लोगों की मौत
स्वास्थ्य विभाग की जानकारी के अनुसार, सितंबर में डेंगू से तीन लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, इन मौतों की पुष्टि एलाइजा टेस्ट के जरिए नहीं हो पाई, इसलिए इन्हें संदेहास्पद मानकर जांच की जा रही है।
सबसे ज्यादा प्रभावित शहर
लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा मामले इंदौर में दर्ज किए गए हैं, जिसके बाद ग्वालियर और रीवा में भी बड़ी संख्या में मरीज मिले हैं। जनवरी से अब तक पूरे राज्य में 2800 से अधिक केस सामने आ चुके हैं। इंदौर और रीवा में पिछले साल की तुलना में इस वर्ष तीन गुना अधिक मामले दर्ज किए गए हैं।
रैपिड किट से जांच पर सवाल
केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार, रैपिड किट से किए गए परीक्षणों को आधिकारिक तौर पर मान्यता नहीं दी जाती। नगरीय निकाय और स्वास्थ्य विभाग केवल उन्हीं मरीजों के आसपास मच्छर-नियंत्रण की कार्यवाही करते हैं, जिनकी पुष्टि एलाइजा टेस्ट से होती है। निजी अस्पतालों में अधिकतर जांच रैपिड किट से की जा रही है, जिससे पॉजिटिव आने वाले मरीजों को सरकारी आंकड़ों में शामिल नहीं किया जाता। यदि इन मरीजों को जोड़ा जाए, तो डेंगू के कुल मामलों की संख्या सरकारी आंकड़ों से डेढ़ गुना अधिक हो सकती है।
वायरस के बदलाव पर नजर नहीं
स्वास्थ्य विभाग वायरस की जेनेटिक संरचना में हो रहे बदलावों पर निगरानी करने में सक्षम नहीं है, जिससे साल दर साल मरीजों की बढ़ती संख्या का सटीक आकलन करना मुश्किल हो रहा है।
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