India News (इंडिया न्यूज), Mahakaleshwar Temple: मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में बुधवार सुबह 4 बजे बाबा महाकाल ने भक्तों को दिव्य दर्शन दिए। माघ कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि पर बाबा महाकाल वैष्णव तिलक और मुंडमाला धारण कर सजे। उनके इस अलौकिक स्वरूप ने भक्तों को भावविभोर कर दिया। मंदिर परिसर “जय महाकाल” के जयघोष से गूंज उठा।

महाकाल का आकर्षक श्रृंगार

सुबह की भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल का पंचामृत से अभिषेक किया गया। मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि भगवान महाकाल को सबसे पहले गर्म जल से स्नान करवाया गया। इसके बाद उन्हें दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से पंचामृत स्नान कराया गया। स्नान के बाद भगवान का आकर्षक श्रृंगार किया गया, जिसमें उन्हें वैष्णव तिलक लगाया गया और गले में मुंडमाला पहनाई गई।

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दिव्य स्वरूप का दर्शन

श्रृंगार के बाद भक्तों ने बाबा महाकाल के दिव्य स्वरूप का दर्शन किया। भक्ति से ओत-प्रोत श्रद्धालु “जय महाकाल” का उद्घोष करते हुए भगवान की महिमा का गुणगान करते रहे। इसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान को भस्म अर्पित की गई। इस विशेष पूजन के बाद कपूर आरती की गई, जिसमें बड़ी संख्या में भक्तों ने हिस्सा लिया।

 

कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि

पौष माह में माघ कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान महाकाल को विशेष रूप से सजाया गया और उनकी भस्म आरती के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे। भस्म आरती में बाबा के अलौकिक दर्शन पाकर हर भक्त की आंखों में भक्ति और श्रद्धा का भाव स्पष्ट झलक रहा था।

 

भक्तों के मन में आस्था और विश्वास

श्री महाकालेश्वर मंदिर की यह परंपरा और भव्यता भक्तों के मन में आस्था और विश्वास को और अधिक मजबूत करती है। बाबा महाकाल के इन दिव्य दर्शन को देखकर श्रद्धालुओं ने जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का आशीर्वाद मांगा।

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