India News (इंडिया न्यूज), MP News: मध्यप्रदेश के इंदौर से मानवता को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। खजराना इलाके में एक 25 वर्षीय युवक को उसकी मां ने पिछले 7 सालों से बेड़ियों में जकड़कर रखा हुआ था शुक्रवार को पुलिस और एक एनजीओ की टीम ने मिलकर युवक को रेस्क्यू कर अस्पताल पहुंचाया। इस दौरान युवक की मां ने जमकर हंगामा किया, जिससे मामला और सनसनीखेज बन गया।
7 साल से ठेले पर कैद जिंदगी
युवक, जिसका नाम जैद अली बताया गया है, को मस्जिद के पास एक पुराने ठेले से बेड़ियों में बांधकर रखा गया था। उसके चारों ओर प्लास्टिक की शीट लपेटी गई थी और उसके पास पहनने के लिए सिर्फ एक तौलिया था। पड़ोसियों के मुताबिक, जैद कभी भूख से चिल्लाता तो कभी शांत हो जाता। उसकी मां मुमताज भीख मांगकर गुजारा करती थी और कभी उसे खाना देती तो कभी नहीं।
गायक बनना चाहता था जैद
जैद के रिश्तेदारों ने बताया कि वह बचपन में गायक बनना चाहता था। लेकिन 9 साल की उम्र में सिर पर चोट लगने के बाद उसकी मानसिक स्थिति खराब हो गई। जैद के पिता ने परिवार को 15 साल पहले छोड़ दिया। आर्थिक तंगी के चलते मां ने इलाज करवाने की बजाय झाड़-फूंक का सहारा लिया, जिससे उसकी स्थिति और खराब हो गई।
छेनी-हथौड़े से तोड़ी गई बेड़ियां
रेस्क्यू टीम ने युवक को छुड़ाने की कोशिश की, लेकिन जंग लगी बेड़ियों की चाबी काम नहीं आई। आखिरकार छेनी और हथौड़े का इस्तेमाल कर बेड़ियों को तोड़ा गया। रेस्क्यू में करीब *2 घंटे* का समय लगा। इसके बाद जैद को मानसिक अस्पताल भेजा गया। रेस्क्यू के दौरान जैद की मां ने टीम पर चिल्लाते हुए कहा, “आप मेरे बेटे को ऐसे नहीं ले जा सकते।” उसने टीम की महिला सदस्यों से झूमा-झटकी की और कहा कि उसके बेटे पर जादू-टोना किया गया है। स्थानीय लोगों और टीम ने समझाने की कोशिश की, लेकिन वह शांत नहीं हुई।
मानवता को झकझोर देने वाला मामला
यह घटना यह सवाल खड़ा करती है कि आखिर गरीबी, अंधविश्वास और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही कब तक निर्दोष जिंदगियों को बर्बाद करती रहेगी? जैद का मामला केवल एक घटना नहीं, बल्कि समाज के कई पहलुओं को उजागर करता है। अब देखना होगा कि जैद को सही इलाज और नई जिंदगी मिल पाती है या यह मामला भी अन्य कई मामलों की तरह भुला दिया जाएगा।