India News (इंडिया न्यूज), Elephant Protection: मध्य प्रदेश में उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में जंगली हाथियों की सुरक्षा के लिए एक नई और आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया गया है, जिसे सैटेलाइट कॉलरिंग कहा जाता है। यह तकनीक सफल रही है और अब जंगली हाथियों की गतिविधियों पर नजर रखना आसान हो गया है। मार्च 2024 में शहडोल के जयसिंहनगर वन क्षेत्र से एक जंगली हाथी को रेस्क्यू किया गया था। इस हाथी को सैटेलाइट कॉलर लगाकर बांधवगढ़ के ताला वन परिक्षेत्र की दमना बीट में छोड़ा गया।

मध्य प्रदेश में चल रहा 2 हजार के नोटों का जाली खेल, जाने क्या है काली कमाई को सफेद करने का सिलसिला

हाथी के हर कदम पर नजर रखने में सहायता

सैटेलाइट कॉलरिंग तकनीक के माध्यम से हाथी के हर कदम पर नजर रखी जा सकती है। इससे न केवल हाथियों की सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि उनके मूवमेंट का भी सही अनुमान लगाया जा सकेगा। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह तकनीक मानव-हाथी संघर्ष को कम करने में भी मदद करेगी, क्योंकि इससे यह पता चल सकेगा कि हाथी कहां जा रहे हैं और उनके रास्ते में अगर कोई खतरा है तो पहले से उस पर ध्यान दिया जा सकता है।

तकनीक के प्रयोग से हाथियों की सुरक्षा हुई मजबूत

यह पहल हाथियों के प्राकृतिक वास के अध्ययन और संरक्षण के लिए एक अहम कदम है। इस तकनीक के प्रयोग से हाथियों की सुरक्षा को और मजबूत किया जा सकता है और उन्हें नुकसान पहुंचाने वाले मानव गतिविधियों से भी बचाया जा सकता है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में सैटेलाइट कॉलरिंग का प्रयोग पहली बार किया गया है, और अब सरकार इस तकनीक को प्रदेश के अन्य टाइगर रिजर्व और हाथी संरक्षण क्षेत्रों में भी लागू करने की योजना बना रही है।

चलते ऑपरेशन में बूढे ने गाया रोमांटिक गाना, Video वायरल