India News (इंडिया न्यूज),Gandhi Jayanti: इंदौर के रालामंडल क्षेत्र में स्थित कस्तूरबा ग्राम, महात्मा गांधी द्वारा स्थापित एक महत्वपूर्ण केंद्र है, जहां पिछले 79 सालों से गांधीवादी सिद्धांतों की शिक्षा दी जा रही है। इस केंद्र की स्थापना 1944 में बापू ने अपनी पत्नी कस्तूरबा गांधी की स्मृति में की थी, जिसका उद्देश्य महिलाओं और बच्चों के विकास के लिए एक सुरक्षित और सशक्त माहौल बनाना था। आज यह केंद्र न केवल गांधी के आदर्शों को सहेजे हुए है, बल्कि विज्ञान और आधुनिक तकनीक के नए आयामों को भी शामिल कर रहा है।

आठवीं तक की शिक्षा की जाती है प्रदान

इस संस्थान में ग्रामीण छात्राओं को आंगनबाड़ी से आठवीं तक की शिक्षा प्रदान की जाती है। साथ ही उन्हें किताबी ज्ञान के अलावा कृषि विज्ञान केंद्र में खेती की बारीकियों की जानकारी दी जाती है, जिससे वे आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ा सकें। यहां की गोशाला में छात्राएं पशुपालन भी सीखती हैं, जबकि ‘बा के घर’ में निराश्रित महिलाओं और युवतियों को आसरा दिया जाता है।

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400 से अधिक छात्राएं ले रही शिक्षा

कस्तूरबा ग्राम में संचालित कन्या विद्या मंदिर में आठवीं से 12वीं तक की कक्षाओं में 100 से अधिक बालिकाएं अध्ययनरत हैं। वहीं स्वशासी कन्या महाविद्यालय में 300 से अधिक छात्राएं स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में अध्ययन कर रही हैं। यहां से पढ़ी कई छात्राएं उच्च पदों पर पहुंच चुकी हैं, जो गांधीवादी सिद्धांतों के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा के मिश्रण का प्रमाण हैं। कस्तूरबा ग्राम के अमृत बाग में छात्राएं ऑर्गेनिक फार्मिंग सीख रही हैं, जो स्वदेशी और प्राकृतिक कृषि के महत्व को समझाने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में भी मददगार है। महात्मा गांधी के सिद्धांतों को आत्मसात करते हुए यह केंद्र शिक्षा, आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन के प्रतीक के रूप में खड़ा है।

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