India News (इंडिया न्यूज), Kaal Bhairav ​​in Ujjain: मध्यप्रदेश सरकार ने उज्जैन समेत 17 धार्मिक नगरों में शराबबंदी का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की इस नई नीति का व्यापक स्वागत हो रहा है। लेकिन उज्जैन स्थित भगवान काल भैरव मंदिर की परंपरा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। काल भैरव, जिन्हें महाकाल के सेनापति कहा जाता है, के भक्त उन्हें शराब का भोग चढ़ाने की प्राचीन परंपरा का पालन करते हैं।

 

श्रद्धालु शराब खरीदकर भगवान को करते हैं अर्पित

मंदिर के पास स्थित आबकारी विभाग की दो सरकारी शराब दुकानें इस परंपरा को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती हैं। यहां से श्रद्धालु शराब खरीदकर भगवान को अर्पित करते हैं और इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं। नई शराबबंदी नीति के तहत इन दुकानों को बंद किया जाएगा, जिससे यह परंपरा प्रभावित हो सकती है।

Republic Day 2025: 76वें गणतंत्र दिवस पर CM आतिशी ने स्वतंत्रता सेनानियों को किया याद, कहा- ‘बाबा साहब के सपने को पूरा कर रही है दिल्ली सरकार’

अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं

उज्जैन कलेक्टर नीरज सिंह ने बताया कि काल भैरव मंदिर की इस परंपरा को ध्यान में रखते हुए अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। सरकार के आदेश के बाद ही इसे लेकर नीति बनाई जाएगी। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रामेश्वर दास जी महाराज ने सुझाव दिया है कि सरकार को काल भैरव मंदिर की विशिष्टता को ध्यान में रखते हुए नई नीति बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि भक्तों को केवल भोग चढ़ाने के उद्देश्य से सीमित मात्रा में शराब उपलब्ध कराने का प्रावधान किया जा सकता है।

 

242 करोड़ रुपये का नुकसान

शराबबंदी के फैसले के बाद उज्जैन नगर निगम क्षेत्र में संचालित 17 शराब दुकानों को बंद किया जाएगा। इससे आबकारी विभाग को सालाना करीब 242 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। लेकिन मुख्यमंत्री मोहन यादव का कहना है कि यह निर्णय धार्मिक आस्थाओं को प्राथमिकता देते हुए लिया गया है।

 

सरकार को  संतुलित नीति बनाने की जरूरत

काल भैरव मंदिर की इस परंपरा के प्रति श्रद्धालुओं की गहरी आस्था को देखते हुए सरकार को एक संतुलित नीति बनाने की जरूरत है, जो शराबबंदी को प्रभावी बनाए रखने के साथ-साथ धार्मिक परंपराओं का भी सम्मान करे।

धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर HC का बड़ा फैसला, कहा- ये कानूनी अधिकार नहीं