India News (इंडिया न्यूज),MP Liquor Ban: मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए राज्य के 17 धार्मिक क्षेत्रों में शराबबंदी लागू कर दी है। इन शहरों में उज्जैन, महेश्वर, खजुराहो, ओंकारेश्वर, मैहर और सांची जैसे प्रमुख धार्मिक स्थल शामिल हैं। मंगलवार को महेश्वर में हुई कैबिनेट बैठक में इस निर्णय पर मुहर लगी।
कैसे निभाई जाएगी परंपरा ?
इस फैसले के बाद उज्जैन के प्रसिद्ध काल भैरव मंदिर, जहां भगवान को श्रद्धालु शराब का भोग लगाते हैं, परंपरा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। मंदिर के पास संचालित दो सरकारी शराब दुकानों से श्रद्धालु भगवान को अर्पण के लिए शराब खरीदते थे। अब शराबबंदी लागू होने के बाद, यह परंपरा कैसे निभाई जाएगी, इस पर प्रशासन ने कोई स्पष्टता नहीं दी है। उज्जैन कलेक्टर नीरज सिंह ने कहा कि नई आबकारी नीति आने के बाद ही इस मुद्दे पर निर्णय लिया जाएगा।
आबकारी विभाग को सालाना 242 करोड़ रुपये का होगा नुकसान
शराबबंदी के कारण उज्जैन नगर निगम क्षेत्र की 17 दुकानों पर ताला लग जाएगा, जिससे आबकारी विभाग को सालाना 242 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान होगा। हालांकि, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने स्पष्ट किया कि यह फैसला राज्य की धार्मिक आस्थाओं को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से लिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि शराबबंदी वाले क्षेत्रों से हटाई जाने वाली दुकानों को अन्य स्थानों पर स्थानांतरित नहीं किया जाएगा, यानी ये दुकानें हमेशा के लिए बंद रहेंगी। शराबबंदी का यह निर्णय कई धार्मिक संगठनों और स्थानीय नागरिकों द्वारा सराहा जा रहा है, लेकिन काल भैरव मंदिर की परंपरा पर मंडराते संकट ने लोगों को असमंजस में डाल दिया है। क्या सरकार इस मुद्दे का कोई समाधान निकालेगी, या सदियों पुरानी परंपरा में बदलाव होगा? यह देखना अभी बाकी है।