India News (इंडिया न्यूज), Mahakaleshwar Temple: मध्य प्रदेश में उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में षट्तिला एकादशी के अवसर पर बाबा महाकाल को विशेष रूप से श्री कृष्ण के मनमोहक स्वरूप में सजाया गया। इस भव्य आयोजन में बाबा महाकाल के मस्तक पर वैष्णव तिलक और हाथों में मुरली धारण की गई, जिससे उनका स्वरूप अद्भुत और अलौकिक लग रहा था। सुबह 4 बजे होने वाली भस्म आरती के दौरान भक्तों ने इन दिव्य दर्शनों का लाभ लिया और “जय महाकाल” व “जय श्री कृष्ण” के उद्घोष से वातावरण को भक्तिमय कर दिया।

 

माघ कृष्ण पक्ष की षट्तिला एकादशी

मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि पौष मास के माघ कृष्ण पक्ष की षट्तिला एकादशी पर बाबा महाकाल का पंचामृत अभिषेक किया गया। सबसे पहले उन्हें गर्म जल से स्नान कराया गया, फिर दूध, दही, शहद, शक्कर और घी से विशेष अभिषेक हुआ। इसके बाद पूजन सामग्री से बाबा महाकाल का आकर्षक श्रृंगार किया गया और उन्हें श्री कृष्ण के स्वरूप में सजाया गया।

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महाकाल को रमाई भस्म

श्रंगार के बाद बाबा महाकाल को महानिर्वाणी अखाड़े की परंपरा के अनुसार भस्म रमाई गई और कपूर आरती की गई। इस अवसर पर भक्तों ने बाबा महाकाल के साथ श्री कृष्ण के स्वरूप में उनकी भक्ति का आनंद लिया। दर्शन के लिए आए श्रद्धालु बाबा महाकाल के इस अलौकिक स्वरूप को देखकर मंत्रमुग्ध हो गए।

 

भक्तों ने किए भेंट

इस पावन अवसर पर स्वीडन और ब्राजील से वाल्वो कंपनी का एक प्रतिनिधिमंडल भी उज्जैन पहुंचा। दल के सदस्यों ने बाबा महाकाल के दर्शन किए और मंदिर प्रबंध समिति द्वारा उनका स्वागत किया गया। सत्कार प्रभारी चंद्रप्रकाश शर्मा ने उन्हें प्रसाद और दुपट्टा भेंट कर सम्मानित किया।

 

श्रद्धालुओं के लिए आनंदमय अनुभव

यह विशेष आयोजन श्रद्धालुओं के लिए एक आध्यात्मिक और आनंदमय अनुभव साबित हुआ। बाबा महाकाल के इस दिव्य स्वरूप के दर्शन कर सभी भक्तों ने अपने जीवन को धन्य महसूस किया और महाकालेश्वर मंदिर की भक्ति में डूबे रहे।

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