India News (इंडिया न्यूज), Mauni Amavasya: मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। हजारों भक्तों ने आस्था और श्रद्धा के साथ नर्मदा के सेठानी घाट और अन्य घाटों पर डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया। शास्त्रों के अनुसार, मौनी अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान करने से पितरों को तृप्ति मिलती है और जीवन में शुभ फल प्राप्त होते हैं।

नर्मदा स्नान का महत्व

हिंदू धर्म में माघ महीने की अमावस्या का विशेष महत्व है। इसे पवित्र नदियों में स्नान और दान-पुण्य करने के लिए उत्तम दिन माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन नर्मदा, गंगा, यमुना, कावेरी जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि देशभर से श्रद्धालु नर्मदा के तटों पर एकत्र होकर पुण्य लाभ प्राप्त करने आते हैं।

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दान का विशेष महत्व

शास्त्रों में मौनी अमावस्या को दान-पुण्य का दिन बताया गया है। इस दिन विशेष रूप से तिल, तेल, कंबल, सूखी लकड़ी, गर्म कपड़े, जूते, अन्न आदि का दान करना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है और दरिद्रता दूर होती है। मौनी अमावस्या का अर्थ ही “मौन रहने की अमावस्या” है। इस दिन मौन व्रत रखने से आत्मिक शक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है। कहा जाता है कि मौन रहने से मन की शुद्धि होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है।

सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासन की तैयारियां

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। पुलिस बल घाटों पर तैनात किया गया ताकि स्नान के दौरान किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो। भक्तों ने मौनी अमावस्या पर स्नान कर भगवान से आशीर्वाद मांगा और पुण्य प्राप्ति की कामना की। घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालु स्नान और दान-पुण्य में लगे रहे।

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