India News (इंडिया न्यूज),Ministry Employees in MP: मध्य प्रदेश में मंत्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों ने चौथे समयमान वेतनमान की मांग को लेकर नाराजगी जाहिर की है। सामान्य प्रशासन और वित्त विभाग द्वारा 35 वर्षों की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को चौथा समयमान वेतनमान दिए जाने के आदेश जारी किए जा चुके हैं, लेकिन अब तक कई विभागों में इसका पालन नहीं हो सका है।
कर्मचारी हितों की सुरक्षा करना
समयमान वेतनमान की व्यवस्था के तहत, उन कर्मचारियों को पदोन्नति के बिना ही उच्चतर वेतनमान का लाभ मिलता है, जिन्हें किसी कारणवश पदोन्नति नहीं मिल पाती। इस व्यवस्था का उद्देश्य कर्मचारी हितों की सुरक्षा करना है। परंतु, मंत्रालय के कर्मचारियों को अब तक चौथा समयमान वेतनमान नहीं दिया गया है। प्रशासन का कहना है कि कुछ कर्मचारियों को पहले से उच्च वेतनमान मिल रहा है, इसलिए उन्हें यह लाभ नहीं दिया जा सकता।
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लगातार उठ रहा है ये मुद्दा
मंत्रालय कर्मचारियों और अधिकारियों का तर्क है कि वेतनमान में अंतर शुरू से रहा है और इस असमानता को खत्म करने के लिए समयमान वेतनमान आवश्यक है। कर्मचारियों का संगठन, जिसका नेतृत्व सुधीर नायक कर रहे हैं, लगातार इस मुद्दे को उठा रहा है। नायक का कहना है कि ब्रह्मस्वरूप कमेटी और अग्रवाल समिति ने भी मंत्रालय कर्मियों के कार्य को विशिष्ट श्रेणी का माना है, इसलिए उन्हें चौथा समयमान वेतनमान मिलना चाहिए।
चौथे समयमान वेतनमान का प्रस्ताव भेजा गया
उधर, स्कूल शिक्षा विभाग ने भी शिक्षकों के लिए चौथे समयमान वेतनमान का प्रस्ताव भेजा है, जिसका परीक्षण वित्त विभाग द्वारा किया जा रहा है। इसके अलावा, पशुपालन और डेयरी विभाग के सहायक पशु चिकित्सा अधिकारियों के लिए भी न्यायालय के आदेश के तहत चौथे समयमान वेतनमान का निर्णय लिया जा चुका है।
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