India News (इंडिया न्यूज), MP News: मध्य प्रदेश के इंदौर में बीआरटीएस (बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) को हटाने का फैसला प्रदेश सरकार ने लिया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपनी पिछली इंदौर यात्रा के दौरान इस फैसले का ऐलान किया था। हालांकि, नगर निगम ने अभी तक बीआरटीएस को हटाने का काम शुरू नहीं किया है, लेकिन इसके लिए पांच प्रमुख जंक्शनों पर ब्रिज बनाने की योजना है। इस परियोजना के तहत जनवरी से सर्वे कार्य शुरू होगा।

प्री-फिजिबिलिटी सर्वे के लिए टेंडर जारी

नगर निगम ने इन ब्रिजों के लिए प्री-फिजिबिलिटी सर्वे के लिए टेंडर जारी किए हैं। सर्वे एलआईजी, पलासिया चौराहा, गीता भवन चौराहा, शिवाजी वाटिका और नवलखा चौराहा पर किए जाएंगे। यह ब्रिज बीआरटीएस के मध्य हिस्से में बनाए जाएंगे। वहीं, भंवरकुआं पर ब्रिज बनकर तैयार हो चुका है और निरंजनपुर चौराहा पर निर्माण कार्य भी चल रहा है।

हिमाचल विधानसभा शीतकालीन सत्र दिसंबर के तीसरे हफ्ते से आरम्भ, जाने क्या और कहा रहेगा कार्यक्रम

कोर्ट में याचिका विचाराधीन

विजय नगर चौराहे पर ब्रिज नहीं बनेगा क्योंकि यहां से मेट्रो ट्रेन का रूट क्रॉस करता है। पलासिया चौराहा पर भी मेट्रो का रूट क्रॉस होगा, जिस वजह से यहां ब्रिज की ऊंचाई अधिक रखनी पड़ेगी। नगर निगम के मेयर पुष्य मित्र भार्गव ने कहा कि बीआरटीएस को हटाने का फैसला नीतिगत है और इस मुद्दे पर कोर्ट में याचिका विचाराधीन है। वे कोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे और जल्द ही सर्वे शुरू किया जाएगा।

300 करोड़ की लागत से होगा तैयार

बीआरटीएस के इन ब्रिजों की लागत करीब 300 करोड़ रुपये थी, लेकिन अब इन ब्रिजों के निर्माण के लिए करोड़ों रुपये की अतिरिक्त लागत आएगी। बीआरटीएस के दोनों ओर सीवेज लाइनों का नेटवर्क है और मध्य हिस्से में नर्मदा लाइन बिछी हुई है। इसके कारण इन लाइनों को शिफ्ट करना होगा, जिससे खर्च और बढ़ जाएगा। साथ ही, बस स्टेशनों को भी हटाना होगा, क्योंकि ये चार फीट ऊंचे प्लेटफॉर्म पर बने हैं।

Road Accident: सड़क हादसे का कहर, एक ही घर से उठी चार अर्थियां, जाने क्या है पूरा मामला