India News (इंडिया न्यूज),MP News: सीहोर जिले की झरखेड़ा ग्राम पंचायत में हुए भ्रष्टाचार का मामला प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) तक पहुंच गया है। आरोप हैं कि पूर्व सरपंच सविता विश्वकर्मा और सचिव मनोहर सिंह मेवाड़ा ने मिलकर शासकीय स्कूल की जमीन पर अवैध तरीके से दुकानें बनवाईं और बेचीं। आरटीआई कार्यकर्ता अजय पाटीदार ने इस पूरे मामले की शिकायत PMO में दर्ज कराई है, जिसमें सीहोर जनपद पंचायत की सीईओ नमिता बघेल पर भी कार्रवाई की मांग की गई है।
अवैध दुकानें और आर्थिक अनियमितता
शिकायत में बताया गया है कि पूर्व सरपंच सविता विश्वकर्मा और उनके पति सुरेश विश्वकर्मा ने सचिव के साथ मिलकर सरकारी स्कूल की भूमि पर अवैध दुकानें बनवाईं और बेचीं। इस बिक्री की रकम भी पंचायत खाते में जमा नहीं कराई गई। जिला पंचायत द्वारा की गई जांच में यह तथ्य सामने आए, लेकिन सीईओ नमिता बघेल ने एफआईआर दर्ज नहीं कराई। आरोप है कि बघेल ने सरपंच और सचिव को बचाने के लिए कार्रवाई नहीं की।
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दुकान खरीदारों के आरोप
जांच में दुकान खरीदने वाले लोगों ने भी गंभीर आरोप लगाए हैं। कैलाश चंद्र और मुलीबाई ने बताया कि उन्होंने जो रकम दी, उसकी आधी से भी कम की रसीद उन्हें मिली। इसी तरह, कई अन्य खरीददारों का आरोप है कि उन्हें दिए गए दस्तावेजों में आर्थिक गड़बड़ी की गई। इस पूरे प्रकरण में भ्रष्टाचार के तथ्य सामने आने के बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों की चुप्पी सवाल खड़े कर रही है। यह मामला सीहोर की झरखेड़ा ग्राम पंचायत के 17 दुकानों से जुड़ा है, जिनका निर्माण 2022 से पहले किया गया था।