India News (इंडिया न्यूज़), MP News: मध्य प्रदेश के रायसेन जिले से सनातन धर्म को मानने वाले लोगों के लिए एक दुखद खबर है। जहां 108 साल पूर्ण होने पर श्रीश्री 1008 परमहंस श्रीराम बाबा जी ने चिर समाधि ले ली। परमहंस बाबा को पुण्य सलिला मां नर्मदा की गोद में समाधि दी गई। इस खबर से सनातन धर्म को मानने वालों में बहुत दुःख है।
बोरास घाट पर ली शाश्वत समाधि
श्री राम बाबा ने उदयपुर तहसील में नर्मदा के तट पर बोरास घाट पर शाश्वत समाधि में अपना शरीर त्याग दिया। इस दौरान बाबा की अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल भी आश्रम पहुंचे और बाबाजी की तस्वीर पर माला चढ़ाकर आरती की। श्री राम बाबा के बारे में कई किंवदंतियाँ हैं।
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गरीब आदमी के घर जाने पर मंत्री पटेल ने कहा कि बाबाजी की कुटिया को स्थाई घर में बदल दिया गया है। इसके बाद वह फिर एक दूसरे गरीब आदमी के कल्याण हेतु उसके घर गये। श्री राम बाबाजी परमहंस के अंतिम दर्शन के लिए मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, हरियाणा और छत्तीसगढ़ समेत भारत के कई राज्यों से श्रद्धालु आए थे।
भगवान शिव माना जाता था
श्री राम बाबा पूर्णतः विरक्त, मुक्त आध्यात्मिक संत थे। वह निरंजनी अखाड़े से जुड़े थे। इसके अलावा, उनके पास दुनिया में कोई आश्रम, परंपरा या अन्य संपत्ति नहीं थी। वह जीवन भर ईश्वर पर निर्भर रहे। उनकी परंपरा में उन्हें भगवान शिव माना जाता है। परमहंस श्री राम बाबा के स्वर्ग प्रस्थान के अवसर पर भक्तों का पूरा समूह “राम” का जाप करता है। श्रीराम बाबाजी परमहंस सदैव दुःख से मुक्त, परम तत्वदर्शी सम्प्रदाय के जनक और अनन्त सुख के प्रेरक थे।
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