India News (इंडिया न्यूज), MP Politics: मध्य प्रदेश के जबलपुर में कांग्रेस की एक महिला नेता द्वारा हिंदू देवता परशुराम की तुलना मुगल शासक औरंगजेब से किए जाने पर विवाद खड़ा हो गया है। इस बयान के बाद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी का हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करना अब आदत बन गया है।
कांग्रेस नेता को नोटिस जारी
कांग्रेस पार्टी ने इस विवादित पोस्ट को लेकर जबलपुर जिले की नेता रेखा विनोद जैन को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। शहर कांग्रेस अध्यक्ष सौरभ शर्मा द्वारा जारी इस नोटिस में कहा गया कि रेखा विनोद जैन ने न केवल भारतीय संविधान बल्कि कांग्रेस पार्टी के सिद्धांतों का भी उल्लंघन किया है। इस बयान से कांग्रेस की धर्मनिरपेक्ष छवि धूमिल हुई है और यह अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है।
माफी मांगने का निर्देश
नोटिस में कांग्रेस नेता से 48 घंटे के भीतर सार्वजनिक रूप से माफी मांगन और जवाब देने का निर्देश दिया गया है। अगर वे ऐसा नहीं करती हैं तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
विवादित बयान क्या था?
रेखा विनोद जैन ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा था- “औरंगजेब ने अपने भाई का सिर काटकर अपने पिता को भेंट किया, जबकि परशुराम ने अपनी मां का सिर काटा था। औरंगजेब क्रूर था, कोई भी उसे आदर्श नहीं मानता। मुसलमान भी अपने बच्चों का नाम औरंगजेब नहीं रखते लेकिन हिंदुत्व के अनुयायी परशुराम के मंदिर भी बनाते हैं।” इस बयान के बाद कांग्रेस पर चौतरफा हमला शुरू हो गया। भाजपा ने कांग्रेस पर हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करने का आरोप लगाया और पार्टी की मंशा पर सवाल उठाए।
रेखा विनोद जैन ने हटाई पोस्ट
विवाद बढ़ता देख रेखा विनोद जैन ने अपनी पोस्ट डिलीट कर दी और सार्वजनिक रूप से माफी मांगी। उन्होंने कहा “जैसे ही मुझे अहसास हुआ कि मेरी पोस्ट से लोगों की भावनाएं आहत हो रही हैं, मैंने तुरंत उसे हटा दिया। मेरा उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था, फिर भी मैं सभी से माफी मांगती हूं।”
बीजेपी का कांग्रेस पर हमला
इस विवाद को लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस नेताओं ने हिंदू देवी-देवताओं का अपमान किया है।भाजपा प्रवक्ताओं ने इसे कांग्रेस की राजनीतिक रणनीति बताते हुए आरोप लगाया कि पार्टी बार-बार हिंदू आस्थाओं को चोट पहुंचाने वाले बयान देती है। इस विवाद ने एक बार फिर राजनीतिक और धार्मिक बहस को जन्म दे दिया है। कांग्रेस नेता ने भले ही अपनी पोस्ट हटा दी और माफी मांग ली हो, लेकिन यह मामला राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। अब देखना होगा कि कांग्रेस इस पर क्या कदम उठाती है और भाजपा इस मुद्दे को कितना भुनाती है।